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श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में समाज के नेत्रहीन व विकलांग वर्ग की सहायतार्थ ‘अंतर्दृष्टि’ प्रकल्प चलाया जा रहा है| यह प्रकल्प दिव्यांगों को कल्याण प्रदान करने के प्रयास में अद्वितीय भूमिका निभा रहा है| इसी के अंतर्गत संस्थान द्वारा दीवाली के उपलक्ष्य पर नेत्रहीनों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी विभिन्न स्थानों के साथ-साथ Ministry of home affairs- नई दिल्ली, लुधियाना व जालंधर- पंजाब और गाज़ियाबाद- उत्तर प्रदेश में भी लगाई गई| इन सभी स्टालों पर नेत्रहीन भाई-बहनों द्वारा बनाई गई सुंदर सुगंधित मोमबत्तियां आकर्षण का केंद्र रहीं| रोज़गार का यह साधन उनके लिए आजीविका कमाने और समाज में सम्मानजनक स्थिति पाने का एक नायब तरीका है| इसके अलावा, यह उन्हें स्वतंत्रता की भावना देता है और उनके मनोबल को भी बढ़ाता है। आज इस वर्ग को दया की जरूरत नहीं बल्कि अवसरों और सकारात्मक प्रोत्साहन की जरूरत है| संस्थान volunteers ने स्टाल पर पहुंचे आगंतुकों को इस परियोजना के बारे में बताते हुए इन लोगों की मदद के लिए प्रेरित किया| इन वस्तुओं को खरीदकर इस वर्ग को आर्थिक सहायता पहुँचाने की भी लोगों से अपील की गई| उत्पादों की गुणवता को देख लोग इनकी खूब प्रशंसा करते नजर आए व साथ ही, संस्थान द्वारा इस वर्ग के उत्थान व कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों व कार्यों को  भी लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ| इस बात की गवाही- उत्पादों की भारी मांग और बिक्री में निरंतर होती वृद्धि है| इस तरह से संस्थान के निरंतर प्रयासों व आम जनता की मदद से नेत्रहीन व विकलांग भाई-बहनों ने प्रतिष्ठित दीवाली मनाई|

'From Visual Impairment To Self-Reliance' - DJJS'S Effort Makes A Difference This Diwali

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