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20 नवंबर 2021 को होशियारपुर, पंजाब में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा माता की चौकी का आयोजन किया गया। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों द्वारा दिव्य भजनों के गायन से इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। साथ ही साथ, साध्वी भावार्चना भारती जी ने माँ के हाथों में पकडे गए आयुधों का वास्तविक अर्थ बहुत ही सरल व प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।

Hail to Mother Goddess: Mata Ki Chowki at Hoshiarpur, Punjab

उन्होंने कहा, कि देवी के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में कमल है। यह मनुष्य के जीवन में संतुलन की ओर इशारा कर रहा है। जहाँ त्रिशूल जीवन की कुछ परिस्थितियों के लिए आवश्यक हठधर्मिता, दृढ़ निश्चयात्मकता का प्रतीक है, वहीं कमल चरित्र की सज्जनता की ओर संकेत कर रहा है ।

हालाँकि, आज समाज में बड़े पैमाने पर इस तरह के संतुलन की कमी देखी जा सकती है। जिसका ज्वलंत उदाहरण है- समाज में बढ़ती लिंग आधारित असमानता। आज समाज पुरुष के पौरुष को तो आसानी से स्वीकार कर लेता है किन्तु नारी की संवेदनशीलता को उसकी कमजोरी समझ अस्वीकार कर देता है। समाज की ऐसी दूषित सोच को आज परिवर्तित करने की सख्त आवश्यकता है। किन्तु कैसा परिवर्तन? साध्वी जी ने समझाया कि एक पूर्ण सतगुरु द्वारा प्रदत दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) ही एक व्यक्ति को समाज के प्रति जागरुक एवं संवेदनशील बना सकता है। और फिर यही भीतरी परिवर्तन बाहरी रूप से समाज में भी स्थिर सकारात्मक परिवर्तन लाने में सक्षम होता है।

Hail to Mother Goddess: Mata Ki Chowki at Hoshiarpur, Punjab

इसी सिद्धान्त पर “दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान” ने एक सामाजिक प्रकल्प ‘संतुलन’ की स्थापना की। यह समाज में बढ़ते लिंग असमानता के विरुद्ध एक सशक्त उदाहरण है। ‘संतुलन’(लैंगिक समानता कार्यक्रम) महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण और उनके खिलाफ हिंसा व सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन के लिए निरंतर कार्यरत है। इस सशक्तिकरण की आधारशिला है – सार्वभौम भाईचारा। जब ब्रह्मज्ञान के द्वारा आत्मा के स्तर पर सभी प्राणियों को एकता का एहसास होता है तब एक दूसरे के प्रति सम्मान की मानसिकता अपने आप जागृत हो जाती है। उस समय समाज में बदलाव बाहर से लाना नहीं पड़ता बल्कि स्वमेव उपजता है। यही कारण है कि प्रत्येक मानव को ब्रह्मज्ञान के माध्यम से यह आंतरिक यात्रा जल्द से जल्द शुरू करनी चाहिए। इसके लिए संस्थान के द्वार आप सभी के लिए खुले हैं।

समस्त श्रोतागण एवं  गणमान्य अतिथिगन जैसे- श्री विजय सांपला जी (अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार और पूर्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री भारत सरकार) ने भी संस्थान के इन प्रयासों की भूरी-भूरी सराहना की। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण से हुआ। 

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