योग एक प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति है । योग पद्धति का सूत्रधार महर्षि पतंजली को माना जाता है। इनके अनुसार – योगश्चित्वृति निरोधः अर्थात् योग चित्तवृतियों का निरोध है । यह एक ऐसी पद्धति है जिसके माध्यम से शरीर,मन और आत्मा के मध्य संतुलन स्थापित किया जा सकता है । योग और इससे होने वाले लाभों के बारे में संपूर्ण विश्व को अवगत कराने हेतु हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा को 21 जून को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था। तभी से यह दिवस पूरे विश्व भर में जागरूकता के साथ मनाया जाता है ।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ को ध्यान में रखते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के मंथन प्रकल्प द्वारा भी यह योग दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया । दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का सामाजिक प्रकल्प मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र अभावग्रस्त बच्चों को मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करता संपूर्ण शिक्षा कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत पूरे देश में 18 संपूर्ण केन्द्र चलाए जा रहे हैं जिसमें लगभग 2000 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विविध स्तर पर जैसे शैक्षणिक, शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक पर पोषित कर उनमें नैतिक मूल्यों को उन्नत करना है।
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मंथन -संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा स्वास्थ्य लाभ हेतु 21 जून को देश भर में स्थित सभी संपूर्ण विकास केन्द्रों पर चौथा योग दिवस मनाया गया। इसमें नॉएडा सेक्टर 44 में वौइस् आफ स्लम ने मंथन के साथ मिलकर इस दिवस को मनाया जो की अत्यंत विशिष्ट रहा । बच्चों को कई योगासन जैसे कटी चक्र आसन ,सूर्य नमस्करासन, त्रिकोणासन ,शशांकासन, मकरासन, नौकासन, तड़ासन, धनुरासन इत्यादि तथा विविध प्राणायाम जैसे कपालभाति, अनुलम-विलोम, भस्त्रिका, भ्रामरी इत्यादि। साथ ही बच्चों को इन आसनों व प्राणायामों के लाभ भी बताये गये। उन्हें यह बताया गया की योगासन शरीर की आतंरिक प्रणाली को गतिशील करता है। इससे रक्त नलिकाएं साफ़ होती हैं तथा प्रत्येक अंग में शुद्ध वायु का संचार होता है जिससे उनमें स्फूर्ति आती है । परिणामतः व्यक्ति में उत्साह और कार्य क्षमता का विकास होता है ,एकाग्रता आती है । इन लाभों को जानकर सभी बच्चों ने नियमित रूप से प्रतिदिन योग करने का संकल्प लिया ।
इसके लिए हम पूजनीय गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराजजी का धन्यवाद करते हैं जिनकी महती अनुकम्पा से यह कार्यक्रम सफल हो पाया ।