कहावत है-"मुझे बताओ और मैं भूल जाऊंगा, मुझे दिखाओ और शायद मैं याद रखूँगा, मुझे शामिल करो और मैं समझूंगा।" प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन की यही सच्चाई है कि किसी भी ज्ञान को वह सुन कर या देख कर अर्जित नहीं कर सकता अपितु उसे स्वयं अनुभव करके ही आत्मसात कर सकता है। इस कहावत का पूर्ण रूप से पालन किया है दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रकल्प, मंथन-सम्पूर्ण विकास केंद्र ने, जिसका उद्देश्य देश के अभावग्रस्त बच्चों को साक्षर कर एक सशक्त समाज के रूप में उभारना है ताकि वे स्वयं का विकास कर देश के विकास में अपना सहयोग दे सकें।
इसी क्रम में पंजाब स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल ने 22 जनवरी 2019 को होने वाले वार्षिक समाहरोह में मंथन को आमंत्रित किया जिसमें मंथन की दो शाखाएं न्यू किचलू नगर और गोपाल नगर के 25 बच्चों ने भाग लिया। दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रों ने मंथन से आए छात्रों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। सभी बच्चों ने आपस में बातचीत की और एकदूसरे के जीवन के अनुभवों को धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने विभिन्न गतिविधियाँ भी आयोजित कीं जिनमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इनाम भी जीते।
पूरा दिन हर किसी के लिए एक अद्भुत अनुभव था। अंत में सभी बच्चों को जलपान कराया गया।