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एक शिक्षित समाज ही राष्ट्र विकास की अवधारणा को साकार करने में समर्थ है I शिक्षाविहीन समाज से विकसित राष्ट्र की कल्पना करना किसी भी देश के लिए संभव नहीं है I भारत की शिक्षा पद्धति के कई पक्षों में सुधार की आवश्यकता है I इस समय भारत दुनिया के सबसे अधिक युवा वाले देशों की श्रेणी में पहले स्थान पर आता है I परिणामस्वरूप हमारी शिक्षा व्यवस्था पर एक वृहत जनसमूह को शिक्षित करने का उत्तरदायित्व है I साधन व संसाधन सीमित हैं और लक्ष्य अभी कोसों दूर है किन्तु यदि हम सभी मिलकर दृढ संकल्प के साथ आगे बढे तो इस निराशाजनक स्थिति से निकल सकते हैं I भारत को शत प्रतिशत शिक्षित देश बनाने के लिए ज़रुरी है कि प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति और सभी शिक्षा संस्थानें एक साथ मिल कर इस लक्ष्य प्राप्ति में सहयोग प्रदान करे I

Manthan SVK Survey to open its new centre in Slums of  Village Chhalera, Noida, UP

संगछ्ध्वम संवदध्वम, सं वो मनांसि I

अर्थात् हम सब एक साथ चलें, एक साथ बोले, हमारे मन एक हो I

Manthan SVK Survey to open its new centre in Slums of  Village Chhalera, Noida, UP

संगछ्ध्वम की इसी तर्ज़ पर मंथन संपूर्ण विकास केंद्र और एक गैर सरकारी संस्थान वौइस् ऑफ़ स्लम ने कदम से कदम मिलाकर नॉएडा स्थित छलेरा गाँव में शिक्षा पर आधारित एक सफल सर्वेक्षण किया I मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक सामाजिक प्रकल्प है और वौइस् ऑफ़ स्लम एक गैर सरकारी संस्थान है I दोनों ही संस्थानों का उद्देश्य देश के अभावग्रस्त बच्चों को मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उनके संपूर्ण व्यक्तित्व को निखारना है I इसी प्रयास में 18 सितम्बर 2018 को मंथन के 26 कार्यकर्ताओं ने वौइस् ऑफ़ स्लम के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नोएडा, उत्तर प्रदेश के छलेरा गाँव, की बस्तियों में घर-घर जाकर शिक्षास्तर का मूल्यांकन किया जिसमें ज्ञात हुआ कि गाँव के कई तबके शिक्षा के अधिकार से आज भी वंचित हैं I आज भी कई लोग अज्ञानता के अन्धकार में डूबे हुए हैं I यदि देश को पूर्ण शिक्षित करना है तो हमे जड़ तक जाना होगा I देश के विकास में अक्सर हम ऐसे लोगों को भूल जाते हैं I सभी को साथ लेकर चलना होगा I इस सर्वे के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया I शिक्षा का मूल्य समझाया गया कि किस प्रकार शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व का विकास करके उसे समाज का एक सदस्य व ज़िम्मेदार नागरिक बनने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल उपलब्ध कराती है I उन्हें इस बात का एहसास कराया गया कि बच्चों को शिक्षित करना एक महान कार्य है और एक शिक्षित व्यक्ति का समाज में एक ऊँचा स्थान होता है I इस सर्वे में सुनिश्चित किया गया कि 5 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों का नामांकन किया जा सके I कार्यकर्ताओं के सफलतापूर्वक प्रयासों से वहां के सभी अभिभावकों ने अपने बच्चों के नाम शिक्षा के लिए नामांकित कराये व साथ ही अपने जैसे अन्य लोगों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक करने की शपथ ली I

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