दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम–‘आरोग्य’ के तहत चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 के उपलक्ष्य पर देश एवं विश्व भर में अपने 50 से भी अधिक केंद्रों पर ‘विलक्षण योग शिविर’ का आयोजन किया। इन विलक्षण योग शिविरों में 5 स्तरीय सत्र के तहत - आसन, प्राणायाम, ‘योग और आध्यात्मिकता’ (योग की प्राचीन अवधारणा पर आध्यात्मिक व्याख्या), सामूहिक ध्यान (आध्यात्मिक क्षमता का उपयोग करने के लिए सामूहिक ध्यान) और शांति पाठ (सभी के लिए शांति और सद्भावना प्रार्थनाएं) में सभी आयु वर्ग के हजारों लोगों ने भाग लिया।
संस्थान के संचालक व संस्थापक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में 'विलक्षण योग शिविर' के माध्यम से संस्थान पिछले दो दशकों से योग को भारत की एक अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में बढ़ावा दे रहा है। 'विलक्षण योग शिविर' का उद्देश्य योग विद्यालयों का पुनरुत्थान व साथ-साथ आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देना है। ये शिविर योगा आसन, योगिक क्रियाओं, प्राणायाम और ध्यान द्वारा शारीरिक और मानसिक स्तर के पूर्ण संतुलन की प्राप्ति हेतु आकलन करते हैं। 'विलक्षण योग शिविर' समुदायों, संगठनों, कॉर्पोरेट जगत, सरकारी कार्यालयों, क्लबों और विभिंन्न संस्थानों में स्वास्थ्य सम्बन्धित जागरूकता पैदा करने वाला विशेष कार्यक्रम है।
संस्थान से जुड़े लाखों लोगों के लिए जो ध्यान अभ्यास द्वारा वास्तविक आध्यात्मिक मार्ग पर बढ़ रहे है, उनके लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक स्वागत कदम और गर्व का क्षण है। ‘योग’ केवल दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक विषय या अवधारणा नहीं है बल्कि संस्कृति है। सभी आयु वर्ग के उत्साही भक्तों और अन्य लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अपना समर्थन चिन्हित करने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान केंद्रों के माध्यम से आयोजित 'विलक्षण योग शिविर' में बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।
संस्थान का ‘आरोग्य’ प्रकल्प वैदिक सिद्धांत “स्वस्मिन तिष्ठति इति स्वस्थः” के माध्यम से सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना के संघ का दर्शन तथा व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा के बीच उचित संतुलन द्वारा पूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण की परिभाषा को सिद्ध करता है।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, एक सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है जो सार्वभौमिक भाईचारे और नौ-आयामी सामाजिक सुधारों और कल्याण कार्यक्रमों के माध्यम से शांति, लिंग-समानता, शिक्षा, सम्पूर्ण स्वास्थ्य, नशीली दवाओं के दुरुपयोग का उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण, भारतीय गौ नस्ल सुधार, कॉर्पोरेट क्षेत्र और युवाओं के लिए कार्यशालाओं के साथ-साथ विकलांग व कैदियों का पुनरुथान, आपदा प्रबंधन और सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर केंद्रित है।
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