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पंजाब, जालंधर, नूरमहल स्थित संस्थान शाखा द्वारा 11 अक्टूबर को मासिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया| इस भव्य कार्यक्रम में श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा दीक्षित शिष्य बड़ी तादात में पहुंचे| गुरुदेव के दिव्य संदेशों व आदर्शों को आत्मसात करते हुए साधक शिष्यों ने अनेक कठिनाईयों व विकट परिस्थितियों के बावजूद भी भक्ति मार्ग पर अडिगता से चलने के अपने संकल्प को दोहराया| इसी श्रृंखला में बहुत से उत्साहवर्धक व प्रेरणादायक विचारों को प्रस्तुत करते हुए श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारक शिष्य व शिष्याओं ने भक्तगणों में एक नई उर्जा व सकारात्मक तरंगों का संचार किया| दिव्य भक्तिमय संगीत ने जहाँ एक ओर दिव्य वातावरण बना दिया तो वहीं अनेक आध्यात्मिक संदेशों को भी प्रस्तुत किया| साध्वी जयंती भारती जी ने  गुरु शिष्य परम्परा की चर्चा करते हुए उसे सबसे पवित्र संबंध बताया| उन्होंने कहा- ‘अनेक जन्मों के पुण्य संस्कार उदित होने पर जीवन में पूर्ण सतगुरु का सान्निध्य मिलता है| गुरु द्वारा प्रदर्शित मार्ग पर अगर शिष्य पूर्ण निष्ठा से बढ़ता है तो निश्चित ही अपने जीवन लक्ष्य को पा जाता है| गुरु रूपी सूर्य का अनुसरण करते हुए शिष्य अपने जीवन रूपी पुष्प को खिला सकता है| जिसकी सुगंधि से सारा संसार महक उठता है|’ ऐसे विचारों को सुन उपस्थित साधक शिष्यों के साथ-साथ कार्यक्रम में पधारे विशिष्ट अतिथि भी प्रभावित हुए| कार्यक्रम के अंत में सामूहिक भोज में सम्मिलित हो लोगों ने एकता व सद्भावना का संदेश प्रसारित किया|

Monthly Congregation Charging the Masses to Accelerate their Speed on the Divine Path of Bhakti at Nurmahal Ashram, Punjab

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