"उठो, जागो और तब तक बढ़ते रहो जब तक की अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच जाते"। स्वामी विवेकानंद द्वारा उद्धृत यह पंक्ति हमें महत्वपूर्ण संदेश देती है। वे कहते हैं कि ईश्वर रूपी लक्ष्य की प्रप्ति हेतु निरंतर बढ़ते रहो। वर्तमान समय में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान साधकों में भक्ति की भावना को बहाल करने के उद्देश्य से नियमित मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इसी श्रृंखला में 18 सितंबर 2018 को महाराष्ट्र के अमरावती में आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। साधकों के जीवन में यह सभाएं सर्व श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा प्रदत विश्व शांति के लक्ष्य हेतु स्वनिर्माण कार्यशाला की भूमिका निभाती हैं।
सभा का आरम्भ पवित्र वेद मंत्रों व गुरुदेव के श्री चरणों में प्रार्थनाओं द्वारा हुआ। इसके उपरांत शिष्यों द्वारा भक्ति संदेश से पूरित सरस भजनों ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संस्थान के प्रचारकों ने जीवन में गुरु भक्ति को सुदृढ़ करने हेतु अनेक महत्वपूर्ण विचार रखे। उन्होंने कहा कि भगवान के चरणों में शुद्ध मन से की गयी प्रार्थनाएं हर समस्या का हल कर सकती हैं। पूर्ण भक्ति और प्रार्थना से पुकारने पर ईश्वर आने के लिए बाध्य हो जाते है।
संगीत व भक्ति से ओतप्रोत आध्यात्मिक विचारों ने साधकों व अन्य उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रकार के मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रमों द्वारा भगवान से निकटता की भावना पैदा होती है। इस सभा में भारी संख्या में भक्तों ने भाग लेते हुए कार्यक्रम की अत्यधिक सराहना की।