Read in English

आध्यात्मिक गुरु द्वारा संप्रेषित आत्मा को मिलने वाले ज्ञान से श्रेष्ठ व पवित्र कुछ भी नहीं’… सतगुरु द्वारा दिखाए गए आध्यात्मिक मार्ग पर चलते रहने की महत्ता को उजागर करने हेतु 2 अक्टूबर 2022 को दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह मासिक कार्यक्रम भक्तों को समग्र आध्यात्मिक पथ से जुड़ने और सतगुरु द्वारा अपने भक्तों पर कृपा व प्रेम लुटाने का एक सुंदर माध्यम बनते हैं। श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारक शिष्यों ने ऐतिहासिक गुरु-शिष्य संबंधी बहुमूल्य प्रेरणाओं को सुंदर व्याख्यानों सहित प्रस्तुत किया। भक्ति भावों से सराबोर सुमधुर भजनों ने उपस्थित प्रत्येक आत्मा को गुरु से संबद्ध करने वाली शुद्ध भावनाओं को जगाया।

Monthly Spiritual Congregation at Divya Dham Ashram, Delhi: Retransmitted to Disciples the Mission & Vision of Satguru

एक तरफ है संसार का भयावह रूप जहाँ रोग, टूटे रिश्ते और मौलिक मूल्यों में गिरावट से उत्पन्न अज्ञानता देखने को मिलती है। तो दूसरी ओर समय के सतगुरु – श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों का एक वर्ग है, जो आत्मिक रूप से जाग्रत हो आंतरिक शांति व स्थिरता में निवास करते हैं| अतः मानसिक स्तर पर उत्पन्न होने वाली अशांत तरंगों से ऊपर उठने में सक्षम हैं।

जहाँ संसार के समस्त बुद्धिजीवी मानव मन से उत्पन्न इस रोग का उपचार ढूँढने का कठिन प्रयास कर रहे हैं, श्री आशुतोष महाराज जी एक दिव्य चिकित्सक के रूप में इस रोग को मूलतः नष्ट करने वाली औषधि– ब्रह्मज्ञान के विज्ञान को जन-जन में प्रदान कर रहे हैं।

Monthly Spiritual Congregation at Divya Dham Ashram, Delhi: Retransmitted to Disciples the Mission & Vision of Satguru

प्रचारकों ने समझाया कि वर्तमान समय गुरुदेव द्वारा प्रदत्त एक ऐसा सुनहरी अवसर है जिसमें शिष्य स्वयं को समर्पण व त्याग के ऊर्जा पुंज में विकसित कर उनके महान लक्ष्य– ‘आत्म-साक्षात्कार से विश्व शांति’- के लिए प्रतिबद्ध हो सकता है। यह समय अपनी दिव्य ऊर्जा को उजागर कर जन-जन तक ब्रह्मज्ञान को पहुँचाने के महान लक्ष्य में अर्पित करने का है। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द जी का उदाहरण देते हुए समझाया कि जब वह अपने गुरु के दिव्य ज्ञान के संदेश को अमरीका में दूर-दूर तक प्रचारित कर लौटे तो उनके गुरु भाई ने उनकी चरण वंदना की, क्योंकि गुरु के चरण कमलों में अर्पित होने वाली यह सबसे महान निःस्वार्थ सेवा है। इसलिए, यह समय है अपनी सांसारिक इच्छाओं, कर्मों, दोषों इत्यादि का त्याग कर, कलियुग को नूतन दिव्य युग में परिवर्तित करने के लक्ष्य में अपनी साधना की आहुति डालने का।

श्री आशुतोष महाराज जी का उदात्त मार्गदर्शन व कृपा प्रत्येक शिष्य को अंदर व बाहर से पोषित करने हेतु अनेकों माध्यमों से प्राप्त होती है। और दिव्य धाम में आयोजित यह आध्यात्मिक कार्येक्रम ऐसा ही एक माध्यम है| श्री महाराज जी के दिव्य शक्ति पुंज से अनेकों साधकों ने उस शक्ति को ग्रहण किया और दिव्य लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए उत्साहित हुए| अंततः सामूहिक साधना व विश्व शांति की प्रार्थना के साथ कार्यक्रम को विराम दिया गया।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox