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वेद की प्रसिद्ध सूक्ति "कृणवन्तो विश्वम् आर्यम" पूरे विश्व को महान बनाने हेतु वैदिक ऋषियों के आदर्श संदेश का प्रतिनिधित्व करती है। भारत की भूमि उन आध्यात्मिक रत्नों से परिपूर्ण है जो सम्पूर्ण विश्व को परिवर्तित करने की क्षमता रखते हैं। रामचरितमानस भारतीय आध्यात्मिक खजाने का वह अनमोल मोती है जो दुनिया की ज्वलंत समस्याओं का सटीक समाधान प्रदान करता है। काव्य में रचित यह शास्त्र, विपरीत परिस्थितियों में भी जीवन में संतुलन स्थापित करने की कला सिखाता है। ऑस्ट्रेलिया के लोगों को इसके महत्व से परिचित करवाने हेतु,  दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में, एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया में श्री रामचरितमानस की महिमा को उजागर किया।

Narration of Ramcharitmanas Ignites the Divine Spark Enabling Inner Transformation in Adelaide, Australia

12 अप्रैल 2019 से 14 अप्रैल 2019 तक IAASA हॉल, 6 Blamey Avenue Broadview, SA 5083 में मुख्य अतिथि श्री एमसी सुरेंद्र चहल (वेस्ट टॉरेंस सिटी, काउंसिल) की उपस्थिति में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साथ ही विशिष्ट अतिथि श्री गगन शर्मा (राजनेता, IAASA -Indian ऑस्ट्रेलियन एसोसिएशन ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के सदस्य), श्री निर्दोष जोशी (पोल्ट्री फार्म के मालिक), श्री राजेंद्र पांडे (विश्व हिंदू परिषद के सह-समन्वयक), श्री जौहर गर्ग (जय दुर्गा संकीर्तन मंडल के सह-संयोजक), सुश्री आशिमा गुम्बर (निस्वार्थ सेवा समिति की संस्थापक), सुश्री रचना शर्मा व श्री चरणदास शर्मा (निस्वार्थ सेवा समिति के समन्वयक), सुश्री ध्यावती पांडे (संस्कृत शिक्षक और विश्व हिंदू परिषद की सदस्य), श्री विजय अरोड़ा (राम शरणम संस्थान के सदस्य) और श्री अर्जुन तोखी (तोखी ड्राइविंग सॉल्यूशंस के प्रबंध निदेशक) आदि शामिल हुए।

कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान श्री राम के चरण कमलों में पवित्र प्रार्थना का गायन व उपस्थिति भक्तों का अभिनंदन करते हुए किया गया। वैदिक मंत्रोच्चारण द्वारा वातावरण की शुद्धता व भगवान श्री राम की लीला गायन ने सभी उपस्थिति भक्तों को दिव्यता का स्पर्श प्रदान किया। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी दीपिका भारती जी ने एडिलेड के लोगों को रामचरितमानस के आख्यानों के माध्यम से वास्तविक आध्यात्मिकता से परिचित करवाया। साध्वी जी ने तकनीकी और वैज्ञानिक पहलुओं पर जोर देते हुए इस महान महाकाव्य के दिव्य सार को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम एक आदर्श व्यक्तित्व थे, जिनका अनुसरण करना आज समाज के लिए अनिवार्य है। हमें श्री राम के सद्गुणों व उनके जीवन के हर पहलू का पालन करना चाहिए। साध्वी जी ने भक्तों को समझाया कि वह रामचरितमानस के गूढ़ तथ्यों द्वारा आध्यात्मिक यात्रा पर बढ़ सकते है। इसी ग्रंथ में गोस्वामी तुलसीदास जी ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि पूर्ण सतगुरु द्वारा ब्रह्मज्ञान के माध्यम से मानव का विमल नेत्र प्रगट होता है। गुरु की कृपा द्वारा प्रगट इस दिव्य नेत्र द्वारा जीव अपनी वास्तविकता से परिचित हो पाता है।

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प्रभु श्री राम की महिमा का गुणगान करते भजनों व रामचरितमानस की मधुर चौपाइयों के गायन ने भक्तों के मन में शांति और दिव्यता का संचार किया। कार्यक्रम में संस्थान के साहित्य की आकर्षक प्रदर्शनी ने कई लोगों की आध्यात्मिक जिज्ञासा को शांत किया। कार्यक्रम में भक्तों ने अपनी निस्वार्थ सेवाओं का योगदान देते हुए सामूहिक प्रसाद भोजन की व्यवस्था भी की। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों को प्रसाद रूप में पवित्र भोज प्रदान किया गया। आध्यात्मिक कार्यक्रम का समापन श्री रामचरितमानस पूजन और सभी के लिए सुख, स्वस्थ और आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध जीवन हेतु दिव्य प्रार्थना के साथ हुआ।

इस आयोजन के लाभार्थियों ने अपने देश में इस प्रकार के अद्भुत और आध्यात्मिक कार्यक्रम के संचालन हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सभी सहयोगियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के प्रयोजक- प्रकाश चंद शर्मा (इंडियन टेम्पटेशन रेस्तरां), नवदीप अग्निहोत्री (OMNI रेस्तरां), संजीव, राजीव जी, रवि दत्त शर्मा और धरमवीर जी आदि इस दिव्य प्रस्तुति से अभिभूत हुए व साथ ही उन्होंने विश्व शांति की स्थापना में संस्थान के प्रयासों की सराहना की।

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