निर्णय का अर्थ है जीवन में फैसला लेना । फैसला जीवन को चुनने का और नशे के बहिष्कार का | इसी उद्देश्य के तहत उत्तरप्रदेश की यह मूहीम वर्ष 2017 से अभियान दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के सामाजिक प्रकल्प बोध – नशा उन्मूलन कार्यक्रम के बैन तले चलाई जा रही है । हालांकि संस्थान पिछले 15-17 सालो से प्रदेश मे अपनी सामाजिक और आध्यात्मिक गतिविधियो के द्वारा निरंतर कार्य करता है |
इसी शृंखला को और सुदृढ़ करते हुए निर्णय मूहीम के अंतर्गत विशेषतः नशे की समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए संस्थान इस मूहीम के अंतर्गत अनेकों नशे की समस्या से प्रभवित क्षेत्रो पर काम कर रहा है । इसी के चलते सामूहिक जारूकता कार्यक्रमों के द्वारा जैसे की महिला बैठकें, रैलियां, युवा बैठकें, क्षेत्र भ्रमण, और अन्य जागरूकता सत्र द्वारा नशे से संबन्धित अनेकों मिथको पर चर्चा की जाती है । इन चर्चाओ तरीकों का उद्देश्य लोगों को नशे के बारे में तथ्यों से समृद्ध करना है, ताकि वह अपने जीवन मे एक जागरूक और समायिक निर्णय ले सके|
इसके तहत लोगों को जीवन मे नशे को “न” कहने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और जो उपयोगकर्ता हैं, उन्हें ध्यान थेरेपी पर अन्य संगठनों के स्व-विकसित मनोविश्लेषणात्मक मॉड्यूल ’के आधार पर ड्रग डी एडिक्शन / नशा छुड़ाने के उपचार के लिए प्रेरित किया जाता है।
इस मूहीम में विभिन्न स्तरों पर लोगों को शामिल करने और उनसे जुड़ने के लिए गतिविधियों की जाती है जिसमें शामिल हैं: स्कूल / कॉलेज मे नशीली दवाओं का खतरा और इससे जुड़ी अन्य समस्यायो पर गोष्ठियाँ , क्षेत्रीय लोगों के साथ बैठको का आयोजन , रैलियाँ, नुक्कड़ नाटक, सामान्य रूप से जागरूकता के महत्व पर चर्चा करना , समाज की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई कैसी और क्या होनी चाहिए ?, कैसे निर्णय मूहीम को सभी के लिए समावेशी बनाया जाए और बड़े पैमाने पर समुदाय को लाभान्वित किया जाए आदि |
वर्तमान में हमारे पास उत्तर प्रदेश राज्य में 10 निष्पादन बिंदु हैं जो राज्य के एक बड़े हिस्से को कवर करते है , ये कार्यकारी बिंदु हैं: बरेली, मेरठ, गोरखपुर, इलाहाबाद, बनारस, अलीगढ़, कानपुर, गाजियाबाद, लखनऊ और
सहारनपुर। 2019 के वर्ष में, अभियान का लक्ष्य इन कार्यकारी बिंदुओं में और इसके आसपास 50 किमी की दूरी तय करना है।
इस अभियान में, हम प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ विषय के विभिन्न हितधारकों को शामिल कर रहे हैं, ताकि जागरूकता को जनमानस तक ले जा सकें।