अनेक शताब्दियों से विश्व ने युद्ध, लड़ाई, संघर्षों और रक्तपात के अनगिनत उदाहरण देखे हैं। आज हर किसी को यह समझने की आवश्यकता है कि बंधुत्व और सद्भाव आदि ही विश्व शांति के आधार हैं। दिव्य विचार रूपी उपकरण द्वारा मन शांति की अवस्था को प्राप्त करने में सक्षम है जबकि हथियारों और हिंसक बल का उपयोग मात्र विध्वंसक तांडव द्वारा विश्व को विनाश की खाई में गिराता जाता है। मानव जाति का विकास उन प्रबुद्ध, निष्ठावान व शांतिप्रिय महापुरुषों पर निर्भर रहा है व रहेगा, जो सदैव समाज को आध्यात्मिक, दिव्य व मानवीय गुणों से पोषित करते आएं हैं।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने आध्यात्मिक जागृति के माध्यम से विश्व शांति का संदेश देने हेतु हरियाणा के पंचकुला में 13 सितंबर, 2019 को मंगल कलश यात्रा का आयोजन किया। मंगल कलश यात्रा, विश्व में मंगल व शांति को पुनः स्थापित करके हेतु व बुराइयों को दूर करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है। भव्य यात्रा में सैकड़ों शिष्यों ने भाग लिया और सैकड़ों सौभाग्यवती महिलाओं ने अपने सिर पर कलश धारण किया। यात्रा का उद्देश्य लोगों को "विश्व शांति" के संदेश से परिचित करवाते हुए, दिव्य स्पंदन पैदा करना था, जिसे केवल आध्यात्मिक ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) की दिव्य तकनीक द्वारा ही स्थापित किया जा सकता है। आध्यात्मिकता ही संतुलित जीवन, बेहतर व्यक्तिगत रिश्ते और तनाव प्रबंधन कौशल आदि का आधार है। जब प्रत्येक व्यक्ति अपने वास्तविक आंतरिक स्व का अनुभव करता है तभी अपने भीतर सच्ची शांति को प्राप्त करता है और यही विश्व स्तर पर शांति का मूल बिंदु है।
मंगल कलश यात्रा का उद्देश्य जन साधारण को विभिन्न सामाजिक-आध्यात्मिक गतिविधियों से परिचित करवाते हुए समाज उत्थान हेतु प्रेरित करना रहा। इस भव्य दिव्य यात्रा के प्रत्यक्ष अनुभवी रहे लोगों ने संस्थान कार्यों व गतिविधियों को बहुत सराहा। भव्य मंगल कलश यात्रा ने संस्थान द्वारा 15 से 21 सितंबर, 2019 तक हरियाणा के पंचकुला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दिव्य संदेश को जन-जन तक प्रसारित करने व लोगों को कथा में आमंत्रित करने हेतु अपने उद्देश्य को पूर्ण किया।