पीस प्रोग्राम द्वारा मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया के हिन्दू कम्युनिटी ऑफ गीलॉन्ग और साउथ-ईस्ट क्रन्बर्न में "गीता-ओ-लॉजी" नामक दो उच्च-स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। गीता की शिक्षाओं को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से आयोजित इन कार्यक्रमों में टॉप कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

पीस प्रोग्राम की प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर, साध्वी तपेश्वरी भारती जी ने व्यावहारिक गतिविधियों और प्रदर्शनों के साथ गीता-आधारित पाठ साझा किए।
श्रीमद्भगवद्गीता का संदर्भ देते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला, "आपकी असली क्षमता, मूल्य और प्रतिभाएँ केवल आपकी हैं। इन्हें आपसे कोई नहीं छीन सकता। भले ही दूसरे आपके विचारों की नकल करें, अंततः उनका सच प्रकट होगा। आपकी अद्वितीय क्षमताएँ हमेशा चमकती रहेंगी। अपनी शक्तियों पर ध्यान केंद्रित करें और सफलता आपके पीछे-पीछे आएगी।"

साध्वी जी ने ब्रह्मज्ञान के तृतीय नेत्र ध्यान के असीम लाभों पर भी चर्चा की, जो एक प्राचीन अभ्यास है और पर्सनल एंड प्रोफेशनल दोनों फ्रंट्स पर जीवन की चुनौतियों से निपटने में सहायक सिद्ध होता है।
साध्वी जी ने वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से समकालीन परिदृश्य में ऐसी शाश्वत शिक्षाओं के क्रियान्वयन पर गहन विश्लेषण भी प्रस्तुत किया।
भगवान कृष्ण की स्तुति में भक्ति गीतों के एक भावपूर्ण सत्र के दौरान श्रोतागण आनंद के सागर में डूब गए।