"क्रांति बम और पिस्तौल से नहीं बल्कि क्रांति की तलवार तो महान सकारात्मक विचारों के पत्थर पर घिसकर तीखी की जाती है|”- इस संदेश को प्रसारित करती एक मोटर साइकिल रैली निकाली गई| संस्थान की सूरतगढ़, राजस्थान शाखा ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे महत्वपूर्ण क्रांतिकारी- शहीद भगत सिंह की 109वीं जयंती की पूर्व संध्या पर इस रैली का आयोजन किया| इस क्रांतिकारी देशभक्त के महान बलिदान को लोगों को याद दिलाया गया| इस दौरान, श्री आशुतोष महाराज जी के ब्रह्मज्ञानी युवा शिष्यों के जोश, जनून और अनुशासन को देखकर लोगों का रुझान अपनेआप ही इस रैली की ओर देखा गया| भाग लेने वाले युवाओं के साथ कई लोग अपने वाहनों के साथ रैली में शामिल हुए| देखते ही देखते रैली का स्वरूप बहुत बड़ा हो गया। युवा पीढ़ी की भूमिका एक राष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। रचनात्मक आदर्शों से राष्ट्र निर्माण में सहयोग और विनाशकारी आदर्शों से एक राष्ट्र को तोड़ा भी जा सकता है| विदेशी शासन के दौरान सांस्कृतिक मूल्य अपमानित हो रहे थे| उस समय, शहीद भगत सिंह जैसे देशभक्तों ने प्रतिबद्धता के साथ इसे चुनौती देने के लिए साहसिक प्रयास किए| आज, देश के युवाओं की यह ज़िम्मेदारी बन जाती है कि वह स्वतंत्रता की मशाल को हर समय और हर कीमत पर जलाए रखें| युवाशक्ति राष्ट्र को आध्यात्मिक आदर्शों के पालन, धैर्य और सब से ऊपर दृढ़ संकल्प से समृद्ध कर सकती है| साध्वी गौरी भारती जी ने रैली का उद्घाटन करते हुए देशभक्ति सम्बन्धित विचार दिए| साथ ही, उन्होंने कहा कि युवाओं में जोश के साथ अगर होश भी हो तो वह सभ्य व आदर्श समाज के सृजता बन सकते हैं| श्री आशुतोष महाराज जी का भी कथन है- “ब्रह्मज्ञान द्वारा ही युवा पीढ़ी का चरित्र निर्माण व राष्ट्र निर्माण में प्रवृत होना सम्भव है|” उद्घाटन समारोह और रैली की प्रगति देखने के लिए दर्शक बड़ी संख्या में एकत्र हुए| रैली के उद्घाटन समारोह में DIG- श्री गरीश चावला और BJP, पूर्व विधायक- श्री अशोक नागपाल जैसे कई विशिष्ट अतिथि भी मौजूद रहे| सभी उपस्थित अतिथियों व लोगों ने भाग लेने वाले युवाओं की प्रतिबद्धता और जुनून की खूब सराहना की।

