शिक्षा के उद्देश्य को पाने के लिए जरूरी है कि बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी शिक्षित किया जाए। और इसी उद्देश्य के साथ दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सामाजिक प्रकल्प मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र के अंतर्गत करीब तीन वर्षों से “स्याही” नामक प्रौढ़ शिक्षा केंद्र का संचालन किया जा रहा है जिसमें दिल्ली क्षेत्र में सात स्याही केंद्र चलाये जा रहे हैI जिसमे लगभग २०० महिलाएं लाभान्वित हो चुकी है। स्याही केन्द्रों में 21 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को मूल विषय जैसे हिंदी भाषा का अध्ययन, मूल गणित, वित्तीय और स्वास्थ्य साक्षरता कौशल हासिल करने में सहायता की जा रही है।
इसी क्रम में दिल्ली के द्वारका, विकास नगर, प्रेम नगर एवं फ़रीदाबाद क्षेत्र में दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम हुआ जिसमें लगभग 36 महिलायों का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया तथा उन्हें रिपोर्ट कार्ड्स वितरित किये गये। कार्यक्रम का शुभारम्भ दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारक शिष्याएं साध्वी श्यामा भारती जी , साध्वी शीतल भारती जी , साध्वी सुरोतमा भारती जी , साध्वी भावना भारती और साध्वी चन्द्ररेखा भारती जी की उपस्थिति में किया गया। रिपोर्ट कार्ड्स वितरण के बाद सभी लाभार्थियों ने अपने अनुभव साँझा किये जिनमे उन्होंने बताया कि किस प्रकार शिक्षा ने उनके जीवन में एक सकारात्मक क्रांति का बिगुल बजाया है। शिक्षा ने न केवल उनके जीवन को सही आकार देने में अपितु उन्हें इस योग्य बनने में भी सहायता की है कि आज वे अपने बच्चों के भविष्य को भी सही आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। शिक्षित होने से वे आर्थिक रूप से मजबूत हुई हैं जिससे वे गरीबी को कम करने में सक्षम हुई हैं। शिक्षा ने उनके भीतर आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को सशक्त किया है जिससे आज वे बिना किसी भय के सामाजिक कार्यकलापों में भाग ले रही हैं। इस प्रकार शिक्षा उनके जीवन को संपूर्ण रूप से सशक्त बनाने में कारगर साबित हुई है। सभी ने उनकी इस कामयाबी पर उन्हें बधाई दी।
अंत में हमारे मुख्य अतिथिगण ने अपने प्रभावी विचारों से महिलायों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हुए उन्हें इसी प्रकार देश के निर्माण में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया एवं उनके आगामी जीवन में और भी सकारात्मक क्रान्ति आने की कामना की।