दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 24 सितम्बर 2022 को अमृतसर, पंजाब के क्षेत्र वासियों के लिए भजन संध्या ‘सम्पूर्ण क्रांति’ कार्यक्रम का आयोजन किया गयाl उपस्थित श्रद्धालुओं ने दिव्य भजनों एवं प्रेरणात्मक प्रवचनों द्वारा अपने अशांत मन में शांति की अनुभूति कीl साध्वी वैष्णवी भारती जी ने बताया कि संपूर्ण क्रांति वह है, जो व्यक्ति के आतंरिक स्तर से आरम्भ होकर समाज में परिवर्तन लाती हैl आज जो हम बाहर मानवीय गुणों का पतन होता देख रहे हैं, वह कुछ और नहीं बल्कि मानव मन के पतन का प्रतिबिम्ब हैl इसलिए, यदि बाहर परिवर्तन लाना है, तो उसके लिए सर्वप्रथम मन के स्तर पर परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।

साध्वी जी ने कहा कि आज मनुष्य प्रकृति की महत्वता, इसके संरक्षण को नज़रअंदाज़ कर अपने स्वार्थी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए संसाधनों का दुरुपयोग कर रहा है। पृथ्वी से प्राकृतिक संसाधन, दुर्लभ तत्त्व और यहां तक कि पानी भी पूरी तरह समाप्त होने की कगार पर हैं। आज वैज्ञानिक पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों की खोज कर रहे हैंl हालाँकि, वास्तविकता यह है कि जब तक मानव के मन में सच्चा परिवर्तन नहीं होता और हम अपना तरीके नहीं बदलते, तब तक अन्य ग्रह भी हमारे लिए पर्याप्त नहीं हो पाएंगेl
साध्वी जी ने समझाया की जब मानव मन संतुलित होगा तो प्रकृति स्वयं ही संतुलन में होगीl और मानव का मन तब ही संतुलित हो सकता हैं जब व्यक्ति आत्मा के स्तर पर जाग्रत होl यह जाग्रति आत्म – साक्षात्कार के दिव्य ज्ञान में दीक्षा के उपरांत ही आती हैl यह जाग्रति हमें हमारे वास्तविक स्वरुप ‘आत्मा’ के साथ जोड़ती है। तदोपरांत हमारे निर्णय तथा कार्य स्वार्थपूर्ण होने की बजाय समाज के लिए कल्याणकारी सिद्ध होते हैंl जब मनुष्य अपनी आत्मा से जागृत होता है, तो वह फिर प्रकृति का भी शोषण नहीं करता बल्कि उसकी पूजा करता हैl

वर्तमान समय में गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी यही दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) जन जन को प्रदान कर रहे हैं। व्यक्ति को आत्मिक स्तर पर जाग्रत करके, उसके भीतर और बाहर संपूर्ण क्रांति का शंखनाद कर रहे हैंl भटके हुए युवाओं को भी सही दिशा प्रदान करके उनकी ऊर्जा को उच्च लक्ष्यों की ओर अग्रसर कर रहे हैंl ब्रह्मज्ञान आधारित ध्यान-साधना युवाओं में सकारात्मकता, प्रेरणा तथा शांति का संचार कर उन्हें नि:स्वार्थ भाव से सामाजिक कार्यों में योगदान देने हेतु प्रेरित करती हैl
कार्यक्रम के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं को परमानन्द के स्त्रोत ईश्वर दर्शन के लिए प्रेरित किया गयाl