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सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के सानिध्य मे चल रहे दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के लिंग समानता कार्यक्रम – संतुलन ने एक बार फिर महिला सशक्तिकरण की ओर एक अनूठा कदम बढाते हुए भारत के चार राज्यों – दिल्ली, हरयाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भव्य रैलियों का आयोजन किया. बुलेट बाईक, स्कूटी, जीप और ऑडी गाडियों की सवारी कर अनेक लडकियों ने सामाजिक रुदिवादी सोच और महिलायों के प्रति दकियानूसी प्रथाओं के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की.

Santulan advocates for change, with its yearly initiative - Respect Women, Elevate the World

हज़ारों युवतियों ने परिवर्तन की प्रतिनिधि बनते हुए “ महिलाओं का सम्मान ,विश्व का उत्थान”, नारे को बुलंद किया. इस रैली के माध्यम से सदियों से चली आ रही महिलाओं के प्रति पिछड़ी हुई सामाजिक सोच को रौंध कर महिलाओं को उनका खोया हुआ सम्मान, गौरव और वैदिक काल के संस्कारों की नीव रखने का प्रयास किया गया.

इस रैली का आयोजन संयुक्त राष्ट्र के 16 दिवसीय “औरेंज द वर्ल्ड” कैंपेन, जो की 25 नवम्बर – इंटरनेशनल डे फॉर एलिमिनेशन ऑफ़ वायलेंस अगेंस्ट वीमेन से आरम्भ हो कर 10 दिसम्बर – वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स डे, तक मनाया जाता है, के समर्थन मे किया गया. इसी सन्दर्भ मे आयशा तारयं ( एडिटर इन चीफ, द गल्फ टुडे) ने कहा  “अगर हम सही मायने मे महिलाओं के प्रति भेदभाव और अन्याय से लड़ना चाहते हैं तो हमे सबसे पहले उनके लिए एक सुरक्षित माहोल बनाना होगा और शुरुआत करनी होगी अपने ही घर से क्यूंकि अगर एक महिला अपने घर मे सुरक्षित नहीं है तो हम उसे कहीं और सुरक्षित नहीं रख सकते.” संतुलन इस बात से परिचित है की महिलाओं के प्रति होने वाले अन्याय उनके मनोबल और आत्मा सम्मान को धीरे धीरे ख़त्म करते जाते है. इसलिए उन्हें एक सम्मान युक्त और आत्मा निर्भर जीवन देने के लिए हमे बदलाव सबसे पहले घरेलु स्तर पर लाना होगा तभी सामाजिक बदलाव भी संभव है.

Santulan advocates for change, with its yearly initiative - Respect Women, Elevate the World

कुछ अहम बिंदु -

  • भारत पूरे विश्व मे अपनी भाषा, संस्कृति, कला और शिल्पकला में विभिन्नताओं और विविधताओं के लिए जाना जाता है. दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में विशेष तौर पर अलग अलग राज्यों से आने वाले विभिन्न मानसिकताओं से घिरे लोग आते हैं. दिल्ली जहा एक ओर अनेक सरकारी कार्यालयों, सूचना प्रोद्योगिकी और BPO का घर है वहीँ दूसरी ओर मुंबई जैसा शहर आधुनिक भारत मे चित्र कला, अर्थव्यवस्था और मनोरंजन के लिए प्रसिद्द है. परन्तु, दूसरी ओर इस चमक धमक के पीछे एक और चेहरा छिपा है, और वो है महिलाओं के संग अपराध एवं हिन्सा. NCRB 2016 के तहत, राजधानी दिल्ली में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधो की संख्या 13800 है जो की पूरे देश में सबसे अधिक है, और महाराष्ट्र का मुंबई शहर 5100 की संख्या के साथ दुसरे स्थान पर है. ये आंकड़े इस बात की गंभीरता को जताने के लिए काफी है कि क्यों आज महिलाओं के स्तर को समाज मे बढाने के लिए न केवल क़ानून की, बल्कि मूल समस्या का हल खोजने की ज़रूरत है.
  • संतुलन, इन सब अपराधो का मूल कारण मानवों की पिछड़ी सोच, उनके मानसिक दायरे को मानता है. इसलिए महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा को केवल ख़त्म करना ही काफी नहीं है, बल्कि अपराधों का पूर्ण निवारण करना अत्यंत आवश्यक है. इसके लिए समाज को महिलाओं के सम्मान के प्रति जागरूक करना होगा.
  • इसी दृष्टिकोण के साथ, संतुलन ने इस वर्ष एक बहुत बड़े स्तर पर जागरूकता रैलियों का आयोजन किया; रोड रैली और वाल्क-थोन के रूप मे.
  • राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, हरयाणा और महाराष्ट्र तक, जहाँ सभी प्रभावी नवयुवतियों ने मराठी वस्त्राभूषण पहन कर इस आयोजन मे हिस्सा लिया. साथ ही पोस्टर और बैनर के माध्यम से लिंग आधारित हिंसा के दुष-परिणाम बताकर को समाज को जागरूक किया.
  • दिव्य ज्योति  जाग्रति संस्थान का लिंग समानता कार्यक्रम - संतुलन, महिलाओं को शक्तिहीनता की सभी बंदिशों से स्वतंत्र कर उनका आत्मिक स्तर पर सशक्तिकरण करने की ओर अग्रसर है.

“महिलाओं का सम्मान, विश्व का उत्थान”, मुहीम के तहत, संतुलन के देश भर मे होने वाले  और कार्यक्रमों की जानकारी हेतु, संपर्क करें - www.djjs.org/santulan & facebook.com/djjsgender

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