नागपुर (महाराष्ट्र): महिलाएं शक्ति, गरिमा और साहस का रूप हैं, फिर भी समाज में उनकी स्थिति निराशाजनक है। आज विज्ञान और शिक्षा के युग में भी समाचार पत्र प्रतिदिन नारी के अधिकार का हनन करती हुई एक निराशाजनक सत्यता को प्रकट करते हैं। इस वास्तविकता को बदलने और समाज में नारी के लिए समानता सुनिश्चित करने हेतु, श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में, संतुलन विश्व भर में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और महिलाओं को आध्यात्मिक रूप से जागृत कर उन्हें उनके आत्म मूल्यों का बोध करा रहा है। महाराष्ट्र, उस हिट लिस्ट में शामिल राज्यों में से एक है, जो महिलाओं के खिलाफ मानसिकता के लिए तत्काल उपचार की मांग करते हैं। संतुलन द्वारा महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में कन्याओं की महत्वता को जागृत करने हेतु एक अभियान के रूप में निरंतर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। राज्य के बड़े शहरों में से एक होने के कारण नागपुर प्रमुख रूप से परिवर्तन में योगदान दे सकता है, इसीलिए महिलाओं को लक्षित करते हुए संतुलन द्वारा नागपुर में लिंग संवेदीकरण/ नारी सशक्तिकरण कार्यशालाओं, चिंतन सत्रों, आदि की श्रृंखला आयोजित की जा रही हैं।
इन कार्यशालाओं में महिलाओं को आत्म मूल्यों का बोध कराने और आत्मिक स्तर से जागृत करने हेतु, नारी के अधिकारों पर आधारित बातचीत सत्र होता है। कार्यशाला की गतिविधियों में विकास, क्षमता निर्माण, शिक्षा, चरित्र निर्माण इत्यादि जैसे महिला सशक्तीकरण के पहलुओं पर विचार-विमर्श होता है। साथ ही महिलाओं की बिगड़ती स्थिति के कारणों और परिणामों पर समूह चर्चा होती है और नाटिका के माध्यम से दर्शाया जाता है कि कैसे सदियों से चल रही रूडीवदिता के कारण महिलाओं की स्थिति निराशाजनक बन चुकी है।
तुलसी बाघ, महल, नागपुर, 6 अप्रैल 2019
भारतीय नववर्ष समारोह की पूर्व संध्या पर, रानी इंदिरा बाई भोसले विहार पार्क, महल, नागपुर में 60 महिला प्रतिभागियों के साथ एक प्रेरक सत्र आयोजित किया गया :
- प्रतिभागियों को उनके गौरव की उस गाथा को साझा करने के लिए मंच पर आमंत्रित किया गया , जिसमें उन्हें एक सराहनीय उपलब्धि प्राप्त हुई, परन्तु समाज में उन्हें उस कार्य के लिए सराहना नहीं मिली और वे मान्यता से वंचित रहीं।
- साध्वी सविता भारती जी द्वारा प्राचीन समय की उन नारियों की महिमा पर व्याख्यान दी गयी जो अध्यात्मिक स्तर से जागृत थी।
- लिंग आधारित भेदभाव से पीड़ित मानसकिता को पोषित करने हेतु प्रश्नोत्तरी और रोचक खेल हुएं।
गिरोला, गोंदिया, 29 अप्रैल 2019
कन्याओं की कम होती संख्या के समाधान हेतु जिला परिषद-वारिष्टा प्राथमिक शाला, सलेकसा, जिला-गोंदिया में एक जागरूकता व्याख्यान का आयोजन हुआ जिसमें 38 महिलाएं उपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम में लिंग असमानता के परिणामों पर प्रकाश डाला गया।
- साध्वी उज्ज्वला भारती जी द्वारा सामाजिक विकास में योगदान देने वाली महिलाओं की क्षमता और उपलब्धियों पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दी गयी।
गंधितोला, गोंदिया, 30 अप्रैल 2019
जिला परिषद् वरिश्ठ माध्यमिक शाला पार्क, सलेकसा, जिला-गोंदिया में लगभग 32 महिलाओं के साथ नारी की महत्वता से समाज को परिचित कराने हेतु एक चिंतन सत्र आयोजित हुआ :
- बाल्यकाल से ही लिंग आधारित भेदभाव को कैसे पोषित किया जाता है पर समूह चर्चा हुयी।
- किस प्रकार एक नारी परिवर्तन लाने में सक्षम है, अगर आध्यात्मिक रूप से सशक्त है पर जागरूकता व्याख्यान हुयी।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आश्रम, चीचगढ़ रोड, गोंदिया,17 मई 2019
डी.जे.जे.एस. नागपुर आश्रम, देवरी, जिला गोंदिया में लगभग 60 महिलाओं के साथ एक और चिंतन सत्र का आयोजन किया गया , जिसमें नीचे दिए गए निष्कर्षों के साथ महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विभिन्न रूपों के बारे में जागरूकता पैदा की गई :
- साध्वी जी ने समझाया कि किस प्रकार हर अपराध आपस में जुड़ा हुआ होता है और अंतत: समाज में महिलाओं की स्थिति को प्रभवित करता है।
- घरेलू हिंसा, लिंग चयनात्मक गर्भपात, लिंग आधारित भेदभाव आदि अपराधों के संदर्भ में दिन-प्रतिदिन के अनुभवों और चुनौतियों को महिला प्रतिभागियों के साथ साझा किया गया।