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जोधपुर, राजस्थान. दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित व संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने 17 से 23 सितंबर 2022 तक चौपासनी गार्डन, जोधपुर, राजस्थान में आयोजित होने वाली 7-दिवसीय दिव्य शिव कथा का भव्य उद्घाटन किया। भगवान शिव से जुड़ी हुई प्रसिद्ध गाथाओं में छिपे सामाजिक-सांस्कृतिक-वैज्ञानिक-आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर करती इस विलक्षण कथा को श्रवण करने प्रथम दिवस ही सैंकड़ों श्रद्धालु कथा प्रांगण में उपस्थित हुए।

Shiv Katha in Jodhpur, Rajasthan has a Grand Commencement; thousands of seekers gather to realize the secret of perceiving GOD WITHIN

इस कथा का वाचन प्रसिद्ध कथा व्यास व दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की ब्रह्मज्ञानी शिष्या साध्वी गरिमा भारती जी द्वारा किया जा रहा है। कथाव्यास जी ने पहले दिन की कथा में भगवान शिव से संबंधित मार्मिक दृष्टांतों द्वारा समझाया कि किस प्रकार अंतर्घट में ईश्वर का साक्षात्कार ही जीवन में वास्तविक आनंद का स्रोत है। उन्होंने भगवान के साकार और निराकार रूप के रहस्य व ऋषियों की पवित्र तरंगों के प्रभाव के सन्दर्भ में भी विस्तार पूर्वक समझाया। किस प्रकार बचपन में दिए गए संस्कार मनुष्य के संपूर्ण जीवन पर प्रभाव डालते हैं, इस विषय पर भी प्रकाश डाला। साथ ही साध्वी जी ने लोगों को वास्तविक सत्य की अवधारणा से भी परिचित कराया।

यदि डी.जे.जे.एस. की विशेषता की बात करें, तो यह एकमात्र ऐसा संगठन है जो भगवान के बारे में केवल चर्चा ही नहीं करता, बल्कि दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से, आत्मसाक्षात्कार के शाश्वत विज्ञान- ब्रह्मज्ञान को भी जन सामान्य के लिए सुलभ कराता है, जिसके माध्यम से भगवान को अंतर्घट में देखा जा सकता है। शहर की अन्य प्रतिष्ठित हस्तियाँ इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं और स्वयं को ईश्वरीय कृपा से सराबोर किया।

Shiv Katha in Jodhpur, Rajasthan has a Grand Commencement; thousands of seekers gather to realize the secret of perceiving GOD WITHIN

यह कथा डी.जे.जे.एस. के भारतीय देसी गाय नस्ल सुधार एवं संरक्षण प्रकल्प- कामधेनु को समर्पित है। यह प्रकल्प भारतीय देसी गाय के महत्व को पुनः स्थापित करने पर केंद्रित है। कामधेनु गौशाला में गायों की भारतीय नस्लें मुख्य रूप से साहीवाल, गीर, कांकरेज और थारपारकर का संरक्षण व संवर्धन किया जाता है। लेकिन यह गौशालाएं सिर्फ गायों का आश्रय- स्थल भर ही नहीं हैं बल्कि यह अपने आप में सांस्कृतिक रूप से प्रेरित अनुसंधान केंद्र है; जिनका मुख्य उद्देश्य भारतीय देसी गायों की नस्ल सुधार है।

कार्यक्रम का शुभारंभ दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के ब्रह्मज्ञानी शिष्यों द्वारा शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी पाठ के उच्चारण के साथ हुआ। इसके बाद कथा यजमानों द्वारा पारंपरिक पूजन किया गया। और पहले दिन का समापन परिसर में उपस्थित अतिथियों, कथा यजमानों और साधकों द्वारा मंगल आरती के साथ हुआ। सभी भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया गया।

शारीरिक रोगों के उपचार हेतु डी.जे.जे.एस. द्वारा इसी परिसर में 7-दिवसीय स्वास्थ्य जाँच शिविर भी आयोजित किया जा रहा है, जहां निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच किया जाएगा। आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाएँ सुबह और एलोपैथिक स्वास्थ्य जाँच सेवाएँ शाम उपलब्ध हैं।

आगंतुकों के लिए कथा परिसर में डी.जे.जे.एस. के उल्लेखनीय सामाजिक प्रकल्पों जैसे समग्र शिक्षा कार्यक्रम- मंथन, प्रकृति संरक्षण कार्यक्रम- संरक्षण, नशा उन्मूलन कार्यक्रम- बोध आदि की सुन्दर प्रदर्शनी लगाई गयी है।  इसके अतिरिक्त, विशेष शिव दर्शन झाँकी और आकर्षक सेल्फी पॉइंट इस कार्यक्रम के अन्य प्रमुख आकर्षण रहे।

दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित व संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डी.जे.जे.एस.) एक गैर-लाभकारी सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है। जिसकी स्थापना का उद्देश्य ‘आत्म-जागृति से विश्व-शांति’ है। डी.जे.जे.एस. का लक्ष्य एक ऐसी दुनिया की रचना करना है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति आत्म-साक्षात्कार के शाश्वत विज्ञान – ‘ब्रह्मज्ञान’ के माध्यम से सत्य, बंधुत्व और न्याय का प्रतिरूप बन जाए व सभी सामाजिक बुराइयों को जड़ से उखाड़ फेंके।

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