दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 16 से 22 मार्च 2025 तक फाजिल्का, पंजाब में सात दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथा के शुभारंभ हेतु एक दिवस पूर्व 15 मार्च 2025 को कलश यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा के माध्यम से लोगों को उनकी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय निकालकर कथा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया।

कथा व्यास साध्वी श्रेया भारती जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष रामायण में निहित आध्यात्मिक रत्नों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि हम आधुनिक युग के प्रभाव में अक्सर गलत चुनाव कर बैठते हैं और हमारी संकीर्ण मानसिकता हमें इस तथ्य से अनभिज्ञ रखती है कि हम ईश्वर की सर्वोत्तम रचना 'मानव' के रूप में क्यों बनाया गया है। वास्तव में राम राज्य आधुनिक समाज में समानता, न्याय, शांति और नैतिकता के मूल्यों का समर्थन करता है। यह लोगों में सद्भावना, सम्मान व भाईचारे को बढ़ावा देता है और आध्यात्मिक रूप से जाग्रत व प्रबुद्ध लोगों को सामाजिक उत्थान व कल्याण हेतु प्रोत्साहित करता है। कथा व्यास ने यह भी समझाया कि कैसे अयोध्यावासियों ने शाश्वत प्रेम व शांति की अवस्था को प्राप्त किया था। यह उनके परम सत्ता श्रीराम के संग दृढ़ आंतरिक संबंध के कारण ही संभव हो पाया था।
संस्थान द्वारा आयोजित यह 7 दिवसीय श्रीराम कथा भक्ति के वास्तविक स्वरूप के प्रति जागरूकता फैलाने व व्यक्तिगत शांति से वैश्विक शांति के संदेश को उजागर करने में सक्षम रही। जो केवल ब्रह्मज्ञान द्वारा ही संभव है। केवल समय के पूर्ण सतगुरु ही ‘ब्रह्मज्ञान’ या दिव्य ज्ञान प्रदान सकते हैं, जिसके पश्चात व्यक्ति परम दिव्य शक्ति से जुड़कर आंतरिक शांति को प्राप्त करता है। अंततः यह हमारी आत्मा को शुद्ध कर मन को विकार रहित बनाता है।

ज्ञानवर्धक प्रवचनों व भावपूर्ण भजनों ने उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया। स्थानीय समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने इस भव्य कार्यक्रम का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया। संस्थान के कड़े परिश्रम व पीड़ित मानव जाति को एक शांतिपूर्ण विश्वव्यापी परिवार में बदलने के प्रयासों को श्रोताओं ने खूब सराहा। उपस्थित कई श्रोताओं ने ब्रह्मज्ञान में दीक्षित होकर ईश्वर साक्षात्कार का लाभ भी प्राप्त किया।