गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के नेतृत्व में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा सितारगंज, उत्तराखंड में 18 से 22 दिसंबर, 2019 तक श्री राम कथा का आयोजन किया गया! कथा का शुभारम्भ प्रभु श्री राम के चरणों में प्रार्थना एवं ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा मंत्रोंउचारण के साथ किया गया। यह मंत्र-उच्चारण मानव, प्रकृति और परम चेतना के प्रेम और बंधन को दृढ़ करने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
कथा व्यास साध्वी गरिमा भारती जी ने कथा का वाचन करते हुए बताया कि श्री राम न केवल धार्मिकता, सद्भाव और श्रद्धा के प्रतीक हैं, बल्कि आनंद के प्रतीक भी हैं। राम कथा पूरे देश के जीवन काल, विचारों और एकता हेतु गहरी भूमिका निभाती है और श्री राम ने ही सत्य व समानता पर आधारित रामराज्य की स्थापना की है। साध्वी जी ने बताया कि श्री राम न केवल एक महान नेता थे, बल्कि एक आदर्श पुत्र भी थे, जिन्होंने अपने पिता के निर्देशों का पालन करने हेतु 14 वर्ष वनवास को सहर्ष स्वीकार किया। वनवास काल में भगवान राम ने देवी सीता को क्रूर व अधर्मी रावण की कैद से मुक्त कराया। रावण का अंत कर, प्रभु श्री राम ने न केवल उस समय व्याप्त अधर्म को मिटाया बल्कि मानव जाति को यह भी संदेश दिया कि अधर्म चाहे कितना भी प्रबल क्यों न हो पर विजय सदैव धर्म की ही होती है।
इसके साथ ही मंथन और अंर्तदृष्टि द्वारा नेत्रहीन व गरीब बच्चों द्वारा तैयार की गयी विभिन्न कलाओं और शिल्पों की प्रदर्शनी लगायी गयी। अंर्तदृष्टि और मंथन, सर्व श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के अंतर्गत नेत्रहीन और गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान व उनका सहयोग करने हेतु चलाए जा रहे हैं। कई दर्शकों ने आनंद का अनुभव किया और स्वयं को आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलाने व समाज को बेहतर स्थान बनाने हेतु श्री राम के पूर्व-निर्धारित सिद्धांतों पर चलाने का भी प्रण लिया।