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सामाजिक व आर्थिक स्तर पर मानव कितना भी सशक्त क्यों न बन जाए परन्तु शांति की प्राप्ति हेतु उसे अपने भीतर निहित सर्वोच्च सत्ता से जुड़ना ही होगा। आज हर ओर मानव शांति और खुशी की तलाश में है और यही तलाश उसे अनेक रास्तों कि हर ले जा रही है। तकनीकी रूप से आगे बढ़ने के इस युग में, हमारे पास एप्लिकेशन और गैजेट हैं जो हमें न्यूनतम संसाधनों और समय के उपयोग के साथ अपने सांसारिक लक्ष्यों या गंतव्यों तक जाने का सरल मार्ग प्रदान करते हैं। हालांकि, मानव जीवन के वास्तविक व अंतिम गंतव्य के लिए मात्र एक मार्ग- ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना द्वारा सच्ची भक्ति और विश्वास को दृढ़ करना हैं। श्रीमद्भागवत कथा हमारी संस्कृति का बहुमूल्य ग्रंथ है, क्योंकि यह मानव जीवन के दिव्य रहस्यवादी अर्थ और आंतरिक शांति को प्राप्त करने के लिए परम मार्ग को प्रकट करता है, यह श्री कृष्ण के उपदेशों, ज्ञान से परिपूर्ण एक आध्यात्मिक ग्रंथ है।

Shrimad Bhagwat Katha Positioned Divine Knowledge as a Precursor to the Spiritual Journey at Sultanpur, UP

भक्तों को परम सत्य और आंतरिक शांति के लिए इस दिव्य यात्रा के बारे में जागरूक करने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने 15 अक्टूबर से 21 अक्टूबर 2019 तक उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया। कथाव्यास साध्वी पद्महस्ता भारती जी ने कथा का सरस वाचन किया। संत समाज द्वारा भक्ति भजनों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया व कथा में दिव्यता का संचार किया।

साध्वी जी ने समझाया कि भौतिक दुनिया से परे एक अलौकिक आध्यात्मिक दुनिया है। श्री कृष्ण सच्चे ज्ञान और आनंद के अवतार हैं जिन्होंने हमें परम शांति और सच्चाई के लिए धार्मिक मार्ग दिखाने हेतु मानवीय रूप धारण किया और हमें नैतिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाने का मार्ग प्रदान किया। उनके उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने की आज से कई वर्षों पूर्व थे। आज की परिस्थितियों से प्रभावित हुए बिना सफलता की प्राप्ति का मार्ग हमें श्री कृष्ण के सिद्धांतों से प्राप्त होता है।

Shrimad Bhagwat Katha Positioned Divine Knowledge as a Precursor to the Spiritual Journey at Sultanpur, UP

साध्वी जी ने भगवान कृष्ण के जन्म और उनकी लीलाओं में निहित रहस्यों का अनावरण किया, उन्होंने जीवन में ब्रह्मज्ञान की अनिवार्यता के महत्व को समझाया। साध्वी जी ने श्री कृष्ण द्वारा गोपियों और ब्रज के लोगों को इसी ब्रह्मज्ञान को प्रदान करने के विषय पर समझाया। ब्रह्मज्ञान एकमात्र दिव्य संसाधन है जो हमें हमारे परम गंतव्य, आंतरिक शांति की ओर ले जा सकता है और हमें निरर्थक सांसारिक कार्यों से मुक्त कर सकता है। केवल एक पूर्ण  गुरु हमारी आत्मा का पोषण कर सकते हैं और आंतरिक शांति हेतु हमारी खोज को समाप्त कर सकते हैं। परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज जी, वर्तमान के पूर्ण सतगुरु हैं जिन्होंने ब्रह्मज्ञान के महान विज्ञान को जन-जन के समक्ष प्रगट किया है व उन्हें ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर का साक्षत्कार प्रदान कर रहे हैं। डीजेजेएस ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं व संदेशों को समझने और जानने करने के लिए सभी का स्वागत किया।

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