श्रीमद भागवत गीता, भगवान श्री कृष्ण द्वारा मानव जाति को प्रदत्त एक अनमोल सम्पदा है जिसमें प्रभु श्री कृष्ण के दिव्य संदेशों के साथ-साथ सफल जीवन के सूत्र भी प्रदान किये गए हैं। भगवत गीता, विकारों में लिप्त मानव हृदयों को आध्यात्मिकता की ओर उन्मुख करने का उपयुक्त साधन है।
भगवान श्री कृष्ण के दिव्य संदेशों को जन जन में प्रसारित करने के उद्देश्य से गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के कृपाहस्त तले दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में 14 से 20 सितंबर, 2019 तक सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया जिसमें कथा व्यास साध्वी वैष्णवी भारती जी ने आध्यात्मिक एवं प्रेरणादायी विचारों द्वारा भगवान श्री कृष्ण की प्रअनेकों लीलाओं एवं दिव्य संदेशों को सांझा किया।
कथा के माध्यम से साध्वी जी ने भगवान श्री कृष्ण के दिव्य संदेशों के पीछे निहित गूढ़ रहस्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि ईश्वरीय सत्ता आध्यत्मिकता के आकाश में प्रदीप्तमान वह सूर्य है जिससे यह सम्पूर्ण जगत आलोकित एवं संचालित है। ब्रह्मज्ञान के महत्व को समझाते हुए उन्होंने बताया कि महाभारत में कुरुक्षेत्र की रण-भूमि में निराश एवं मोहग्रसित अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने ब्रह्मज्ञान से दीक्षित कर उसका विवेक जाग्रत किया। भगवान श्री कृष्ण के दिव्य लीलाओं एवं प्रेरणाओं ने उपस्थित जनसमुदाय पर एक अमिट छाप छोड़ी।
साध्वी जी ने अंत में समझाया कि भगवान श्री कृष्ण की भांति ही गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान समय के पूर्ण गुरु हैं जो ब्रह्मज्ञान के माध्यम से जन-जन में आध्यात्मिक क्रांति का संचार कर रहे हैं। आत्मबोध ही मानव मन को नियंत्रित करने का एक मात्र यन्त्र है। जीवन में व्याप्त समस्त विकृतियों का अंत केवल ब्रह्मज्ञान द्वारा ही संभव है। ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के बाद ही मनुष्य वास्तविकता में आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर होता है एवं सही अर्थों में भगवत गीता में निहित दिव्य संदेशों को ग्रहण कर पाता है। सात दिवसीय इस कथा का उपस्थित भक्त श्रद्धालुगणों ने पूर्ण आनंद उठाया।