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ईश्वर अपनी असीम कृपा और दिव्य प्रेम उन पर लुटाते हैं, जो उन्हें स्मरण करते हैं। ईश्वर दिव्य प्रेम के स्रोत्र व सभी पर करुणा करने वाले हैं। ईश्वरीय कृपा को पाने हेतु बेंगलुरु, कर्नाटक में 6 जनवरी से 12 जनवरी, 2019 तक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया। नए साल के आरम्भ में सात दिवसों तक भक्तों ने भगवान की दिव्यता का अनुभव किया।

साध्वी पद्महस्ता भारती जी ने भगवान की अनेक लीलाओं को प्रभावशाली ढ़ंग से भक्तों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने समझाया कि प्रभु की प्रत्येक लीला का उद्देश्य बुराई को समाप्त करना है। जिस प्रकार दीपक के प्रज्वलित होते ही अंधकार मिट जाता है, उसी प्रकार ईश्वर के पृथ्वी पर अवतरित होते ही अधर्म समाप्त होने लगता है। वे समाज को एकजुट कर उन्हें  भीतर और बाहर दिव्य प्रकाश देखने में सक्षम बनाते हैं।

साध्वी जी ने बताया कि जो भी मानव भगवान के संपर्क में आता है वह महान व्यक्तियों को आकार देने वाले आंतरिक परिवर्तन का अनुभव कर पाता है। एक छोटे बालक के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने राजा कंस, जिसने उस समय के लोगों का जीवन दयनीय बना दिया था, उसका अंत कर दिया। साध्वी जी ने स्पष्ट रूप से समझाया कि आज हमें भी ऐसे दृढ़ इरादों वाले मानवों की आवश्यकता है जो दुखों से हमें छुटकारा दिला सके। आज सामाजिक परिस्थितियाँ भयानक हैं, आज अधिकतर व्यक्ति स्वार्थी बन, समाज को हानि पहुँचा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि आज का दानव मानव का मन है, जो विश्व को लाभ पहुंचाने से ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है।

उसने समझाया कि ईश्वर का साक्षात्कार उनकी परम कृपा है जिसके द्वारा मानव अपने दोषों को पहचान, स्वयं को सही करने की दिशा में काम करने में सक्षम बन पाता है। साध्वी जी ने बताया कि मात्र बाहरिय प्रयासों से यह सम्भव नहीं हैं, हृदय की गहराई से उत्पन्न परिवर्तित ही चिरस्थायी होता है। उन्होंने कहा कि हमारा समाज इस तरह के बदलाव की मांग करता है, यदि हम भगवान श्री कृष्ण के सच्चे भक्त हैं तो हमें इस बदलाव को लाने के लिए एकजुट होना चाहिए और अपने बच्चों के लिए एक बेहतर दुनिया निर्मित करनी चाहिए।

साध्वी जी ने समझाया कि परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज जी एक ऐसे महान व दिव्य व्यक्तित्व हैं, जो सभी व्यक्तियों को मन के स्तर पर परिवर्तित करने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं। परिवर्तन का यह मार्ग ही मानव को निःस्वार्थ रूप से कार्य करने हेतु सक्षम बना, विश्व शांति के महान लक्ष्य को स्थापित करेगा। कथा में उपस्थित भक्तों के समक्ष साध्वी जी ने आधुनिक युग व द्वापर युग की विषमताओं को रखते हुए, इनके निवारण हेतु श्री कृष्ण द्वारा प्रदत्त समाधानों को भी रखा। भगवान ने हमें न केवल स्वयं के कल्याण हेतु बल्कि समाज, राष्ट्र और विश्व को बेहतर बनाने हेतु जन्म दिया है।
 

Shrimad Bhagwat Katha Soaked the Masses in Divinity at Bengaluru, Karnataka

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