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संस्थान द्वारा सर्कुलर रोड पर स्थित पुराने आई. टी. आई. मैदान रोहतक, हरियाणा में 10 दिसम्बर से 16 दिसम्बर तक श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया| भागवतभास्कर कथा व्यास साध्वी वैष्णवी भारती जी ने भगवान की लीला के रहस्यों को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया| साध्वी जी ने भगवान की मथुरागमन लीलाओं का वर्णन किया| जब अक्रूर जी उन्हें रथ में बिठा कर मथुरा की ओर ले गए तो मार्ग में अक्रूर जी नदी में स्नान करने के लिए रुक जाते है| लोग यह समझाते है कि उन्हें नदी में ही श्री कृष्ण व् बलराम जी का दर्शन हो गया| परन्तु ऐसा नहीं था, उन्होंने ध्यान की प्रक्रिया में उतरकर प्रभु का दर्शन प्राप्त किया था| आज कोई मोमबत्ती, बल्ब पर अपनी दृष्टि एकाग्र करने को ध्यान कहता है, तो कोई मन को कल्पना द्वारा किसी सुन्दर स्थान पर ले जाने को तो कोई मंत्र आदि के रटन को ध्यान कहता है| बाहरी दो नेत्रों को मूंद कर बैठ जाना ध्यान नहीं अपितु भीतर के नेत्र का खुलना है| ध्यान के लिए दिव्य चक्षु का खुलना अनिवार्य है| साथ ही अनेकों सामाजिक समस्याओं के प्रति भी सजग करते हुए समाधान दिए व श्रद्धालुओं को संकल्पित किया| कथा के दौरान एस डी एम श्री मुनीश नागपाल, समाजसेवी श्री पवन अहूजा, आर. एस. एस. के प्रान्त प्रचारक श्री सुधीर कुमार, महामंडलेश्वर बाबा कपिलपुरी महाराज, महंत बाबा कर्णपुरी महाराज, श्री अजमेर सिंह मलिक, श्री सुभाष आहूजा, बाबा प्रेमदास महाराज, रोहतक ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान बलदेव मिगलानी, रेलवे रोड के प्रधान श्री मदन गुलाटी, प्रधान राधेश्याम ढल, किला रोड के प्रधान बिट्टू सचदेवा, उद्योगपति श्री राजेश जैन, श्री श्याम सुंदर नागपाल, श्री विजय पाल बंसल, भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री अजय बंसल, उद्योगपति श्री रोमेश विग, श्री बृजभूषण बंसल, श्री आशीष बंसल, श्री अतुल बंसल, श्री सुमित बंसल, श्री राजेन्द्र शर्मा, श्री प्रवीण गर्ग, श्री राजीव जैन, श्री सुभाष तायल, श्री विनय गोयल, श्री देवेन्द्र गोयल, श्री ईश्वर सिंघल, श्री रमन गुलाटी, श्री सुरेन्द्र बंसल, श्री बिशन स्वरुप खड्डी वाले, श्री सुशिल पुनियानी, श्री शमशेर प्रकाश गोयल, श्री कृष्ण सिंह, श्री विपिन गोयल, श्री राकेश गुगनानी, सुश्री सीमा जैन, सुश्री मीनाक्षी फोगाट, श्री राकेश सचदेवा, श्री राजेश टीनू आदि गणमान्य अतिथियों की विशिष्ट उपस्थिति रही| संस्थान की ओर से इन अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया| कथा के दौरान संस्थान द्वारा प्रतिदिन निशुल्क आयुर्वेदिक शिविर भी लगाया गया जिसमें अनेकों रोगियों ने मुफ्त जाँच व दवाई का लाभ पाया| इस कथा को दैनिक जागरण, हरिभूमि रोहतक भूमि, रोहतक केसरी, रोहतक भास्कर, रोहतक My City आदि अख़बारों ने कवर किया|

Shrimad Bhagwat Katha Stirred Hearts of the People of Rohtak (Haryana) through the Epic Tales of Love and Devotion of Lord Krishna

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