दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 21 से 27 जनवरी 2020 तक पुणे, महाराष्ट्र में श्री श्रीमद देवी भागवत कथा का सात दिवसीय आयोजन किया गया। यह कथा “संतुलन प्रकल्प” के अंतर्गत सामाजिक पहल हेतु समर्पित थी। कथा द्वारा सम्पूर्ण ब्रह्मांड में प्रकृति व पुरुष के महत्ता व समानता की समग्र अवधारणा को स्पष्ट रूप में रखा गया। कथा व्यास साध्वी अदिति भारती जी ने कथा वाचन की सरस व मधुर पद्धति द्वारा माँ महिमा के संग-संग विश्व में व्याप्त विभिन्न समस्याओं की स्थिति व उनके समाधान को लोगों के समक्ष रखा।
देवी माँ के चरण कमलों में प्रार्थना के साथ कथा का शुभारम्भ हुआ। अनेक भक्त व श्रद्धालु कथा में स्पंदित आध्यात्मिक दिव्यता से अभिभूत हुए। भक्तिपूर्ण भजनों और प्रेरणादायक गीतों की श्रृंखला ने सभी श्रोताओं को आध्यात्मिकता के वास्तविक अर्थ की ओर आकर्षित किया। कथा के माध्यम से भक्तों ने समझा कि इस मानव जीवन का प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है और इस जीवन का वास्तविक उद्देश्य स्वयं की वास्तविकता का अनुभव करना है।
नेल्सन जी ने अपने शब्दों में कहा है: "स्वतंत्रता तब तक प्राप्त नहीं की जा सकती जब तक महिलाओं को सभी प्रकार के उत्पीड़न से मुक्त नहीं किया जाता।" संतुलन कार्यक्रम के तहत लिंग असमानता की अवधारणा के प्रति समाज में व्याप्त इस समस्या के प्रति दर्शकों को सफलतापूर्वक जागृत किया गया।
साध्वी अदिति जी ने इस विषय को इतने प्रेरक तरीके से संबोधित किया कि अधिकतर भक्तों में इस विषय में कार्यरत होने का प्रण किया। साध्वी जी ने समझाया कि समाज में व्याप्त सभी समस्याओं का अंत तभी सम्भव है जब मानव आत्मिक रूप से जागृत हो जाए। विश्व की सभी समस्याओं के समूल निदान तभी सम्भव है जब ब्रह्मज्ञान द्वारा मानव आत्मिक स्तर पर जागरूक हो जाएगा। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान में मानव को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर उन्हें आत्मिक स्तर पर जागरूक कर रहे हैं। देवी कथा के इस सरलीकृत संस्करण को विभिन्न उद्धरणों और घटनाओं के माध्यम से सुनने के बाद दर्शक आध्यात्मिकता के मार्ग पर बढ़ने हेतु कटिबद्ध हुए।