दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा संचालित अन्तरक्रांति का उद्देश्य कैदियों को एक जिम्मेदार सामाजिक नागरिक बनाना है | इस उद्देश्य को मध्य नज़र रखते हुए संस्था द्वारा अलीगढ़ की सेंट्रल जेल में महिला कैदियों के लिए सत्संग व साधना शिविर का पहली बार आयोजन किया गया।
जेलर श्री प्रमोद कुमार द्वारा इस प्रोग्राम का आरंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी वेद वाणी भारती जी तथा साध्वी शुभा भारती जी ने १३५ महिला कैदियों के सम्मुख प्रवचन दिया तथा भजन कीर्तन का कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
साध्वी जी ने बताया कि जीवन का उदेश्य अध्यात्म को प्राप्त करना है। उन्होने बताया कि परम शांति का अनुभव केवल ब्रह्म ज्ञान द्वारा प्राप्त किया जा सकता है जो कि पूर्ण गुरु के आशीर्वाद से ही प्राप्त होता है और शिष्य स्वयं अपने भीतर दिव्य प्रकाश का साक्षात्कार कर सकता है। पूर्ण गुरु ही शिष्य को ब्रह्म ज्ञान प्रदान कर उसकी सोई हुई चेतना को ऊंचाई तक ले जा सकता है। उन्होंने बताया कि दिव्य मार्ग पर चल कर इंसान अपने सामाजिक जीवन का उत्तरदायित्व वहन कर सकते हैं।
इस सभा का समापन आरती द्वारा किया गया तथा संस्थान की तरफ़ से जेलर श्री प्रमोद कुमार जी को कैदियों पर आधारित पुस्तक ‘ सुधरकर जो बने सुधारक’ भी भेंट की गयी।
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