शिव और शक्ति अविभाज्य हैं। शिव शुभता के प्रतीक हैं व शक्ति रचनात्मकता की प्रतीक है। लोगों को शिव भक्ति के परम रहस्य से परिचित करवाने के लिए, 25 नवंबर, 2019 को मेरठ कैंट (यूपी) में श्री बाबा औघड़नाथ मंदिर में डीजेजेएस के सहयोग से सन सिटी वेलफेयर टीम के कामकाजी सदस्यों द्वारा भगवान शिव (शिव महिमा गुणगान) की महिमा पर आधारित एक भक्ति संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह आयोजन भगवान शिव के चरण कमलों में पवित्र प्रार्थना के साथ शुरू हुआ। भक्ति गीतों और प्रार्थनाओं की दिव्य श्रृंखला ने भगवान शिव से संबंधित कई दिव्य रहस्यों को उजागर किया और शिव को प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने हेतु दर्शकों का मार्ग प्रशस्त किया। इस आयोजन की सूत्रधार साध्वी लोकेशा भारती जी ने शिव महिमा के आध्यात्मिक रहस्यों से श्रद्धालुओं को परिचित करवाया। उन्होंने समझाया कि शिव शक्ति के सही अर्थ को समझने के लिए एक भक्त को पूर्ण सतगुरु की शरणागति स्वीकार करनी होगी। पूर्ण सतगुरु ही शिव शक्ति की सत्यता से भक्त का साक्षत्कार करवाने में सक्षम होते हैं।
साध्वी जी ने ज्योतिर्लिंग के आध्यात्मिक अर्थ को भक्तों के समक्ष रखा। ज्योतिर्लिंग शब्द का अर्थ है- 'प्रकाश का स्तंभ'। साध्वी जी ने कहा कि हम एक ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा करते हैं क्योंकि यह देवत्व के वास्तविक रूप का प्रतिनिधित्व करता है। भगवान का वास्तविक रूप हम सभी के भीतर मौजूद है लेकिन इस तथ्य को कहने या विश्वास करने से हमें भगवान शिव के प्रकाश रूप का दर्शन नहीं हो जाएगा। प्रत्येक मनुष्य ब्रह्मज्ञान (दिव्य ज्ञान) की वैदिक आध्यात्मिक प्रक्रिया के माध्यम से ईश्वर के प्रकाश रूप को देख सकता है। साध्वी जी ने आंतरिक ज्योतिर्लिंग के महत्व पर प्रकाश डाला जो कि पूर्ण गुरु के आशीर्वाद के साथ ही अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने भगवान शिव के कई अन्य विशेष दिव्य तथ्यों को भी प्रगट किया।
भारतीय पवित्र ग्रंथों में ब्रह्मज्ञान को शुद्धतम रूप में स्वीकार किया गया है, भगवान शिव ने स्वयं इस ब्रह्मज्ञान द्वारा भक्तों के भीतर ईश्वर को प्रगट किया है। हर किसी के पास इस दिव्य ज्ञान की कुंजी नहीं होती, मात्र पूर्ण सतगुरु ही ब्रह्मज्ञान प्रदान करने के अधिकारी हैं। पूर्ण गुरु द्वारा ब्रह्मज्ञान प्राप्त करके ही मानव प्रकाश के आंतरिक स्तंभ का अनुभव कर सकता है।
साध्वी जी ने इस आयोजन का समापन करते हुए श्रोताओं से आग्रह किया कि वे एक पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की कृपा से भगवान शिव के सच्चे भक्त रूप में यात्रा शुरू करें। भावपूर्ण भजनों एवं "हर हर महादेव" की ध्वनि से वातावरण में सभी ने सकारात्मकता तथा आनंद का अनुभव किया। आयोजन के अंत में, सभी अतिथियों ने विश्व शांति की स्थापना हेतु संस्थान के प्रयासों में सहयोग की भावना को भी प्रगट किया।