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विश्व स्तर पर, जेनरेशन Z सबसे विविध, महत्वाकांक्षी, साहसी और अच्छी तरह से शिक्षित लोगों की पीढ़ी है, जिनमें मुख्य रूप से 1995-2015 के बीच पैदा हुए लोग शामिल हैं। यह युवा अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए ऐसे मार्ग तलाशने का प्रयास करते हैं कि कई बार भ्रमित हो जाते हैं। गैजेट्स और तकनीक युग में यह युवा महत्वपूर्ण जीवन के मुद्दों जैसे व्यक्तिगत और भावनात्मक स्वास्थ्य समस्या, प्रतिस्पर्धा, परीक्षा चिंता, अवास्तविक महत्वाकांक्षा,  आधुनिक शिक्षा की मांग, सहकर्मी दबाव व अपेक्षाओं का सामना आदि समस्याओं से जूझ रहा है। अवसाद,  क्रोध और तनाव की जटिलताओं आदि के परिणामस्वरूप, वर्तमान युग के युवा कुछ अनैतिक प्रथाओं जैसे शराब सेवन, नशीली दवाओं के सेवन और क्लब संस्कृति में लिप्त हो जाते हैं। आजकल युवा सोशल मीडिया के माध्यम से अपने साथियों और बाहरी दुनिया से जुड़ना पसंद करते हैं, जबकि स्वयं को खोते जा रहे हैं।

'You-Fi', A Youth Workshop Encouraged Youngsters to Establish Connection with Self at Nurmahal, Punjab

सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में आधुनिक भारतीय युवाओं को इन समस्याओं से उबारने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने नूरमहल आश्रम, पंजाब में "यू-फाई: द कनेक्शन टू सेल्फ एक्सप्लोरर" (युवा कार्यशाला) विषय पर एक व्यावहारिक और विचारशील कार्यशाला का 02 जून 2019 को आयोजन किया। कार्यशाला में विभिन्न स्थानीय स्कूलों, कॉलेजों, प्रबंधन और इंजीनियरिंग संस्थानों व विश्वविद्यालयों से 14-25 वर्ष की आयु के युवा शामिल हुए। कार्यशाला के मान्य सत्र में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।

कार्यशाला के मॉड्यूल (मापांक) ने युवाओं को सर्वोच्च सर्वशक्तिमान के साथ दृढ़ आध्यात्मिक संबंध स्थापित करते हुए रहस्यमय व रोचक आध्यात्मिक आंतरिक वेब पर सर्फिंग करके शाश्वत दर्शन की आंतरिक दुनिया से परिचित होने का सुझाव दिया। कार्यशाला का संचालन करने वाले डीजेजेएस प्रतिनिधियों ने उजागर किया कि एक दयानिधान सतगुरु  से सीखी गई मनन मध्यस्थता की उचित प्रक्रिया से ही आंतरिक विज्ञान की दुनिया से परिचित हो सकते हैं। आत्मबोध ही आत्म-विजय, मन पर नियंत्रण और जीवन की उलझनों को सुलझाने के सटीक समाधान है। अन्य वैकल्पिक तकनीकें सिर्फ अस्थिर समाधान ही प्रदान करती हैं।

'You-Fi', A Youth Workshop Encouraged Youngsters to Establish Connection with Self at Nurmahal, Punjab

कार्यशाला के समन्वयक ने युवा प्रतिभागियों को समझाया कि एक चिंतनशील मस्तिष्क सकारात्मक कार्यों को स्थगित नहीं करता है और आसपास की विपरीत परिस्थितियों से  अप्रभावित रहता है। शाश्वत ध्यान प्रक्रिया का अभ्यास हमारे भीतर और आसपास सकारात्मक ऊर्जा को प्रसारित करता है। ध्यान द्वारा ही युवाओं में आंतरिक परिवर्तन व बाहरी वातावरण में भी सकारात्मक बदलाव सम्भव हो पाता हैं।

कार्यशाला के प्रतिनिधियों ने अंत में युवाओं को कार्यशाला का सार प्रदान करते हुए कहा कि आज जेनरेशन जेड को उनके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावित करने वाली सभी नकारात्मकताओं से निपटने के लिए एक जीवन कोच अर्थात पूर्ण सतगुरु की आवश्यकता है, जो उन्हें समझते हुए उनका मार्ग प्रशस्त करें। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी एक दिव्य वैज्ञानिक हैं जो ब्रह्मज्ञान के माध्यम से दुनिया भर में युवाओं के जीवन में आंतरिक क्रांति लाने का प्रयास कर रहे हैं। ब्रह्मज्ञान द्वारा चिंतनशील युवा अपनी सफलता की यात्रा को पूरा करता है। युवा इस मार्ग पर बढ़ते हुए आध्यात्मिक आनंद द्वारा संघर्षों को दूर करना सीखते हैं, जिससे वे जीवन के सभी क्षेत्रों में चैंपियन बनते हैं।

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