जिला जेल कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्वामी विवेकानंद के जन्म वर्षगांठ के सिलसिले में मनाए जाने वाले युवा दिवस के तहत संस्थान के बंदी सुधार एवं पुनर्वास कार्यक्रम- Antarkranti द्वारा 1 जनवरी को आध्यात्मिक सत्र का आयोजन किया गया। स्वामी अभेदानंद जी, स्वामी योगेशानंद जी, साध्वी दीपाली भारती जी और साध्वी सविता भारती जी के साथ-साथ कार्यक्रम में प्रख्यात अधिकारी भी उपस्थित रहे| लगभग 250 पुरुषों और 16 महिला कैदियों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया गया कि युवा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी होते हैं| इसलिए उनका सही दिशा को पाना अनिवार्य हो जाता है| लेकिन वहीं युवा विध्वंसक कार्यों में डूबकर राष्ट्र के लिए एक बड़े संकट के रूप में सामने आता है| श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारकों ने जोर देकर कहा कि एक देश के वर्तमान परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव दिशाहीन युवाओं को सुधार कर ही सम्भव है| जीवन में नैतिक मूल्यों की कमी को पूरा करने के लिए अध्यात्म के महत्व पर अपराधियों के समक्ष विस्तार से चर्चा की गई। उपस्थित कैदियों द्वारा प्रचारकों के हर शब्द को बड़े ध्यान से सुना गया| अधिकारियों ने कैदियों में परिवर्तन लाने के लिए Antarkranti की तारीफ की और भविष्य में और इस तरह के आयोजन के लिए Antarkranti को पुन: निमंत्रण भी दिया। Jail superintendent ने अंत में Antarkranti की सराहना की|
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