प्रतिभावान कैसे बनें? | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

प्रतिभावान कैसे बनें?

२२ दिसंबर, १८८७... मद्रास का एक छोटा-सा शहर इरोड... यहाँ के एक बहुत ही गरीब परिवार में एक बालक ने जन्म लिया।  इस बालक का बचपन साधनविहीन था।  वह पढ़ने-लिखने में भी कमज़ोर था।  इसी कारण उसे अगली कक्षा में प्रवेश भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता था। जब वह बालक १५ वर्ष का हुआ, तो उसका स्कूल ही छूट गया और पढ़ाई पूरी तरह से बंद हो गई। संभव है, ऐसी परिस्थितियों में कोई भी निराशा का दामन पकड़ लेता।  परन्तु ऐसे में इस बालक को कहीं से गणित की एक पुस्तक मिल गई।  जाने उसको कैसी लगन लगी, उसने इस पुस्तक को अपनी जीवनसंगिनी बना लिया।  उसके माध्यम से गणित का अभ्यास करना प्रारम्भ कर दिया।  अपने रात-दिन गणित के जटिल प्रश्नों को हल करने में झोंक दिए।  सोते-जागते उसके सामने गणित के सूत्र और प्रश्न ही घूमते रहते।  आखिरकार इस बालक की मेहनत और लगन रंग लाई।  उसने गणित विषय में इतनी निपुणता हासिल कर ली कि कैम्ब्रिज़ विश्वविद्यालय ने उसे अध्ययन के लिए आमंत्रित किया। आप समझ ही गए होंगे कि ये कौन थे- श्री रामानुजन। जी हाँ, विश्व विख्यात गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन! उनकी प्रगति का सिलसिला यहीं नहीं रुका।  उन्होनें अपने पुरुषार्थ के बल पर ऐसे-ऐसे मुकाम हासिल किए कि उनकी जीवन रुपी पुस्तक में सफलता के नए-नए अध्याय जुड़ते चले गए। आज जहाँ कहीं विश्व में गणित और उसके विकास की चर्चा होती है, तो रामनुजन जी का नाम ससम्मान लिया जाता है।

ऐसी अनेक प्रतिभाएँ हैं, जो विश्व के नभमंडल पर प्रकाश बनकर जगमगाईं।  ऐसे व्यक्तियों ने स्वयं के भीतर छिपी प्रतिभा को तो खोद-खोद कर उभारा ही, साथ ही समाज को भी नवीन प्रेरणाओं से आलोकित किया। ...   

... इसमें कोई संदेह नहीं कि जीवन अनिश्चित है।  लेकिन इस अनिश्चितता में एक संभावना तो निश्चित तौर पर छिपी है।  वह यह की किसी भी क्षेत्र में जो कार्य एक व्यक्ति के लिए संभव हो सका है, वह दूसरों के लिए भी संभव हो सकता है।  जो प्रतिभा किसी को संयोगवश मिली है, उसे प्रयत्न्पूर्वक भी प्राप्त किया जा सकता है। ... वास्तव में, ईश्वर ने मनुष्य को इतना सामर्थ्यवान बनाया है कि उसके लिए कोई भी कार्य असम्भव नहीं है।

... आखिर प्रतिभाओं का सम्बन्ध किससे है और उन्हें कैसे उजागर किया जा सकता है? क्या प्रतिभा माता-पिता की देन है- 'जन्मजात अनुदान' है? आखिर प्रतिभा का विकसित होना किन पहलुओं पर निर्भर करता है? क्या है प्रतिभा का वैज्ञानिक विश्लेषण?  यह सब जानने के लिए पूर्णतः पढ़िए जनवरी  माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका...

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