दिन के खाने में यदि सूखी सब्ज़ी बनी हो, तो भोजन में कुछ कमी सी लगती है। पर उसी खाने के साथ आ जाए अगर दही या दही का रायता, तो खाने की पौष्टिकता और स्वाद दोनों में ही बढ़ोतरी हो जाती है।
जल्द ही ग्रीष्म ऋतु दस्तक देने वाली है। ऐसे में अगर पीने को मिल जाए दही की लस्सी, जिसमें डला हो भुना हुआ जीरा, तो शरीर को कितनी राहत मिलती है! आह!
भारतीय संस्कृति में दही को बहुत महत्ता दी गई है। यज्ञ, हवन, प्रसाद आदि मंगल कार्यों में दही का प्रयोग किया जाता है। ऐसा करने में एक सांकेतिक अर्थ यह भी है कि दही हमारे स्वास्थ्य को मंगलमय रखने में आवश्यक है।अमेरिका के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉक्टर बरनार इस तथ्य को अपने शब्दों में रखते हुए कहते हैं कि शरीर को विकार रहित बनाए रखने में दही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुणों को अपने अंदर समाये हुए है- दूध से बनने वाली 'गुणकारी दही।'
दही से स्वास्थ्य लाभ
१. दही पचने में आसान होती है और साथ ही यह पाचन शक्ति में सुधार भी करती है- … कमाल की बात यह है कि दूध से दही बनने की प्रक्रिया में भी दूध के पोषक तत्त्व काम नहीं होते, बल्कि रिसर्च बताती है कि दही में दूध के मुकाबले पोषक तत्त्व ज़्यादा ही होते हैं. …
२. ह्रदय को स्वस्थ रखती है दही- दही में पर्याप्त मात्रा में चिकनाई के साथ लैक्टिक ऐसिड बैक्टीरिया होता है, जो रक्त को साफ करने में मदद करता है। … साथ ही, दही से मिलना वाला फॉस्फोरस…
३. दही का तोड़ भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है- जब दही अपना पानी छोड़ती है, तो उस पानी को 'तोड़' कहते हैं. इस तोड़ में दूध के अनेक पौष्टिक तत्त्व रहते हैं। … इस तोड़ को फेंकना नहीं चाहिए क्योंकि…
४. पेट के लिए अच्छी होती है दही- …
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ऐसे अनेक लाभों को पूर्णतः पढ़ने के लिए और साथ साथ ये भी जानने के लिए कि दही स्वास्थ्यवर्धक कब और कैसे हो सकती है? दही का सेवन कब और कैसे करना चाहिए? साथ ही, दही कब नहीं खानी चाहिए? किसके साथ नहीं खानी चाहिए? दही का प्रयोग हम अपना सौन्दर्य निखारने के लिए कैसे कर सकते हैं, ये सब जानकारी पूर्णतः प्राप्त करने के लिए पढ़िए मार्च माह, २०१५ की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका…