नवयुग पुरस्कार समारोह!
New Era's Award Ceremony
जो उसका सहयोगी होगा,श्रेय वही तो पाएगा।
युग उसके गुण गाएगा, युग उसके ही गुण गाएगा।।
गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा प्रेरित ये पंक्तियाँ अवश्य ही सत्य सिद्ध होंगी। आने वाला 'नवयुग' उन श्रेष्ठ शिष्यों का यश-गान करेगा, जिन्होंने गुरुदेव के लक्ष्य की पूर्ति में तन-मन धन से, मन-वचन-कर्म से भरपूर सहयोग दिया। नि:सन्देह, उन शिष्यों को सारा विश्व सम्मान की दृष्टि से देखेगा व पुरस्कृत करेगा। तो आइए, एक झलक पाते हैं उस दिवस की , जब श्रेष्ठ भक्त अपने श्रेष्ठ सहयोग के लिए श्रेय पाएँगे।
नवयुग के बेस्ट (श्रेष्ठतम) शिष्य का अवार्ड (पुरस्कार) जाता है.... किस साधक का नाम इस रिक्त स्थान पर स्थान पाएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। इस समारोह का पूरा प्रसारण तो नवयुग में ही होगा। पर गुरु-पूजा विशेषांक में हम आपके लिए इस समारोह के कुछ अनमोल पल बतौर ट्रेलर के रूप में लाए हैं। क्या आप इन अनमोल पलों का आनन्द उठाने के लिए तैयार हैं?
इस समारोह के एंकर हैं -समय!
समय- इस युग में, 'बेस्ट सेवक' अवार्ड के प्रत्याशी हैं-
- सेवक जो बिना भावों का रंग लिए सेवा करे, जैसे मजबूरी।
- सेवक जो मनमाने ढंग से सेवा करे, आधी- अधूरी।
- सेवक जो सेवा कर हो जाए अहंकारी।
- सेवक जो सुमिरन, प्रेम और निष्काम-भाव संग सेवा करे पूरी-पूरी।
इस पुरस्कार को देने के लिए हम मंच पर बुलाना चाहेंगे, उस विभूति को जिसका नाम ही सेवक शब्द का पर्याय बन गया है। ...क्या आप अनुमान लगा पाए , हम किनकी बात कर रहे हैं? जी हाँ! जोरदार तालियों से स्वागत करें, राम-भक्त हनुमान जी का! हम उनसे आग्रह करेंगे की वे सर्वश्रेष्ठ सेवक का नाम घोषित करें।
हनुमान जी - जय श्री राम! जय श्री राम! जय जय श्री राम! हमारा अनुभव तो कहता है कि सच्चा सेवक वही है, जो अपने आराध्य, अपने गुरुवर द्वारा प्राप्त सेवा पूरे प्राणपन, निष्ठा व प्रेम से करता है। उस सेवा के बदले न कोई कामना रखता है, न स्वार्थ। जानता है कि सेवा करने- कराने वाले उसके गुरु हैं... अत: श्रेष्ठतम सेवक का पुरस्कार जाता है,उस सेवक को 'जो सुमिरन, प्रेम, विवेक और निष्काम भाव संग सेवा करे पूरी-पूरी।...
अन्य कई अवार्ड जैसे बेस्ट उत्साही शिष्य, बेस्ट सुमिरन-रत शिष्य, गुरु प्रसन्नता का पात्र और सर्वश्रेष्ठ लाइफटाइम अचीवमैन्ट की नामांकन सूची और उनको देने के लिए प्रथम अधिकारी को जानने के लिए पढ़े पूर्णत: लेख जुलाई'१५ माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका में...