कुछ दिनों पहले मेरे पिताजी बाज़ार से हमारे लिए आम लेकर आए थे। हम सभी ने बडे़ ही चाव से रात्रि-भोजन में आम का सेवन किया। पर पता नहीं क्यों, हम सभी को उन आमों का स्वाद थोड़ा अजीब व ... लगा। लेकिन सभी के प्रिय आम अब खाए जा चुके थे। मगर अगली सुबह हम सभी के लिए अप्रिय साबित हुई। सभी बीमार पड़ गए। पिताजी के मुहँ में छाले उभर आए। दादी, भाई, माँ और मुझे 'दस्त' और उल्टियाँ होने लगीं। सभी का पेट भयंकर गड़बड़ी का शिकार हो गया। हम सभी तुरन्त डॉक्टर के पास गए। वहाँ ज्ञात हुआ कि आमों में भारी मात्रा में 'कैल्शियम कारबाइड' के इंजैक्शन लगाए गए थे। उसी कारण हम सबकी ऐसी दुर्दशा हुई थी।
क्लीनिक से आने के बाद मैं वॉश-बेसिन की ओर गई। वहाँ एक ओर मुझे उल्टियाँ होती रहीं, दूसरी ओर मेरे मन में कुछ समाता गया। मुझे मेरी रिसर्च के लिए एक नया विषय मिल गया था। विषय था- ' Recend Trends in Food Adulteration'...
ओहो! इन उलझनों, चिंताओं, कश्मकश और बीमारी... के बीच मैं आपको स्वयं का परिचय देना भूल ही गई। मैं दिया शर्मा, दिल्ली... मैंने एस.आर.एन. विश्वविद्यालय से 'Food Science & Technology' में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। आज मैं अखण्ड ज्ञान के माध्यम से आप सभी से उक्त विषय पर अपना शोध सांझा करना चाहती हूँ। जिस तरह शोध के हर विषय का चयन झटकों से भरा था, उसी तरह उसका हर अगला चरण मेरे दिमागी-तंतुओं को झंझोड़ देने वाला था।
... तथ्यों में वर्णित घटनाएँ बेहद गंभीर व जानलेवा थीं। मुझे ज्ञात हुआ कि भोजन संक्रमण का शिकार केवल मेरा परिवार नहीं, बल्कि पूरा भारत है। इस जानकारी ने मेरे मस्तिष्क में हलचल मचा दी। हलचल यह कि आखिर खाएँ तो खाएँ क्या???
खैर, इससे पहले आपके दिमाग में भी उलझनों की गाँठ बने, जानते हैं कि आखिर Food Adulteration है क्या?? ...
…
... किन-किन कारणों व स्थितियों में खाद्य-पदार्थ संक्रमित या हानिकारक सिद्ध होते हैं।
... अकसर बडे़-बूढे़ हिदायत दिया करते थे- 'घर का साफ-सुथरा, शुद्ध-सात्विक भोजन खाओ और स्वस्थ रहो।' पर पता नहीं, आज यह हिदायत कितनी जायज़ है!
... इस मिलावट की महामारी से बचाव के लिए आखिर क्या उपाय हैं? जानने के लिए पूर्णतः पढिए अक्टूबर'१५ माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका।