प्रिय पाठकों! आज तक 'सेहत सार' स्तम्भ आपको हृष्ट-पुष्ट- तंदुरुस्त रखने के लिए आपके समक्ष भोजन, खान-पान, रहन-सहन आदि से सम्बन्धित सिद्धांतों व जानकारियों को प्रस्तुत करता आया है। परन्तु जैसे भोजन का हमारे तन-मन पर प्रभाव पड़ता है, ठीक वैसे ही भोज्य पदार्थों को पकाने और सहेजने वाले बर्तनों का भी हमारे स्वास्थ्य में बहुत बड़ा योगदान है।
एल्युमीनियम के बर्तनों के लाभ/ हानि
आजकल हर रसोईघर में हमें एल्युमीनियम के बर्तन जैसे प्रेशर कुकर, कढ़ाई, फ्राइंग पैन आदि दृष्टिगोचर होते हैं। क्योंकि भाग-दौड़ वाली ज़िन्दगी में एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना बनाने के कुछ फायदे हैं -
१. एल्युमीनियम के बर्तन दूसरी धातुओं के बर्तनों की अपेक्षा सस्ते होते हैं।
२. इन बर्तनों में खाना जल्दी पकता है।
३. इन बर्तनों का भार भी अन्य धातुओं के बर्तन से कम होता है।
पर क्या आप जानते हैं कि इन फायदों के बावजूद खाना बनाने के लिए यदि सबसे ख़राब कोई धातु है, तो वह है -एल्युमीनियम। सुनकर अचंभित हो गए न! आइए जानते हैं कुछ तथ्य-
- एल्युमीनियम भारी धातु हैं, जो भोजन पकाने वाले बर्तन के माध्यम से भोजन में शामिल हो हमारे शरीर में पहुँच जाता हैं ।...
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आजकल पेय और खाद्य पदार्थों को सहेजने के लिए हम प्लास्टिक बोतलों, डिब्बों और पन्नियों का भी अत्यधिक प्रयोग करते हैं। भार में हल्के, मजबूत और मूल्य में सस्ते होने के कारण ये लोगों की पहली पसंद बन गए हैं। जब से माइक्रोवेव का प्रचलन हुआ, तब से तो प्लास्टिक के डिब्बों का अधिक बोल- बाला हो गया।...
परन्तु प्लास्टिक में दो घातक रसायन होते हैं-BPA (बिसफेनॉल-ए) और फथालेट्स। ये बर्तनों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश पा जाते हैं। BPA देह की अन्तःस्त्रावी प्रणाली (Endocrine System ) और महिलाओं में पाये जाने वाले हॉर्मोन- एस्ट्रोजेन की गतिविधि में क्षति पहुँचाता हैं।...
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प्लास्टिक और एल्युमीनियम के मारू प्रभाव और उसके स्थान पर इस्तेमाल हो सकने वाली बेहतर धातुओं के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़िए नवंबर’१५ माह की आगामी हिंदी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका।