नई सोच की हरियाली! | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

नई सोच की हरियाली!

अब रचनात्मकता का ज़माना है। हर क्षेत्र में नई सोच नए झण्डे फहरा रही है। नवीन विचारों में ही सृजनात्मकता है। लेकिन यह हमारे हाथ में है कि अपनी नई सोच  को हम कहाँ और किस क्षेत्र में लगाते हैं! पहनावे और खान-पान में लगाते हैं, तो यही नई सोच ' फैशन' बन कर छा जाती है। वैज्ञानिक या तकनीकी क्षेत्र में यह आविष्कार के रूप में उभर कर आती है। कॉर्पोरेट जगत में यह नये प्रोडक्ट्स और नए मुकामों की सीढ़ी बन जाती है।
पर इस दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने रचनात्मकता के परों से स्वार्थ के परे उड़ान भर कर दिखाई है। उनकी यह उड़ान आधुनिकता की चमक-दमक से दूर प्रकृति के आँचल की ओर है। अपनी नई सोच की तूलिका से इन कर्मयोगियों ने पृथ्वी के कैन्वस पर वनस्पतिओं के इन्द्रधनुषी रंग भरने की कोशिश की है। पर्यावरण संरक्षण की इन सृजनात्मक कोशिशों से आपको रू-ब-रू कराते हैं।

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पर्यावरण संरक्षण- व्यापार के माध्यम से! 

कमाइए धन, बचाइए वातावरण!

पर्यावरण संरक्षण और व्यावसायिक उन्नति का एक अनुपम उदाहरण आपको देते हैं। आपने जाने-माने कपड़ों के ब्रैंड ' Levis' के विषय में तो सुना होगा। इस कम्पनी ने पर्यावरण संरक्षण हेतु ज़बरदस्त जीन्स लांच की। इन्होंने 100% कपड़े की बनी  ' Eco Jeans'  मार्किट में उतारी। देखने में तो यह जीन्स बहुत आकर्षक थी हीं, पर इसकी विशेषता यह थी कि इस पर  'Plant Me' का एक टैग लगा हुआ था। इस टैग से जुड़े छोटे से पैकेट में कुछ बीज डाले गए थे। साथ ही, टैग पर इन बीजों को रोपित और पोषित करने की विधि भी अंकित थी। कम्पनी के इस सुझाव को सभी ने सराहा। इससे ग्राहक आकर्षित भी हुए और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित भी हुए।

सारांश- व्यापार जगत के दोस्तों! व्यापार के साथ-साथ पृथ्वी को हरियल करने का यह तरीका कैसा लगा आपको? ...

कैसे शिक्षण और बालकों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण किया गया, जानने के लिए पढ़िए फरवरी '16 माह की हिंदी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका।

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