सन् 1991 में, डैरेक हम्फ्री नामक लेखक ने एक पुस्तक लिखी- ' फाइनल एक्ज़िट' ( अंतिम प्रस्थान)। इस पुस्तक में 'आत्महत्या कैसे करें?'- इस पर विस्तृत जानकारी दी गई थी। जब यह पुस्तक बाज़ार में आई, तो चौंका देने वाली बात सामने आई। भीड़ की भीड़ इस किताब को खरीदने के लिए उमड़ पड़ी। यह किताब ' बेस्ट सेलर' बनी। कुछ ऐसा ही दृश्य जापान में भी देखने को मिला। जब वहाँ ' द कम्पलीट मैनुअल ऑफ स्यूसाइड' नामक पुस्तक छपी, तो 198 पृष्ठों की इस किताब की पलक झपकते ही 10 लाख प्रतियाँ बिक गईं। और तो और, ऐसे दृश्य भी दिखे- जब तनावग्रस्त लोगों ने इस किताब को हाथ में पकड़कर आत्महत्या कर ली। फ्रांस के समाजशास्त्री इमाईल दुर्खीम की ' ली स्यूसाइड' भी ' बेस्ट सेलर'रही।
निःसंदेह, ये सभी तथ्य समाज की एक दुःखद छवि हमारे सामने रखते हैं। तनाव ने इस हद तक सारे समाज को अपनी गिरफ्त में ले लिया है कि आज इन्सान जीवन खत्म करने के तरीकों को जानने के लिए उत्सुक है।
आजकल ' स्ट्रेस मैनेजमेंट' यानी तनाव से कैसे छुटकारा पाया जाए- इस विषय पर अनेकों वर्कशॉप, सेमिनार व व्याख्यान भी आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें तनाव-मुक्त होने के लिए बहुत सी टिप्स सुझाई जा रही हैं। परन्तु विडम्बना यह है कि इन सबके बावज़ूद तनाव का ग्राफ तेज़ गति से आसमान छूता चला जा रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि आज हर व्यक्ति तनाव के किसी न किसी लक्षण से जूझ रहा है।
तनाव की बढ़ती समस्या को देखते हुए हमने एक शोध किया।...
तनाव से मुक्ति पाने का सबसे सशक्त माध्यम खोजा। क्या है वह और कैसे? पूर्णतः जानने के लिए पढ़िए अक्टूबर'17 माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका।