गूगल का प्रोजेक्ट ऑक्सीजन
गूगल एक ऐसी कम्पनी है, जो आविष्कारों के लिए जानी जाती है। पर कुछ वर्ष पूर्व गूगल ने एक ऐसा कदम उठाया, जिसमें उसे और उसकी तरह सोचने वाली कई कम्पनियों को एक महत्त्वपूर्ण सीख दे दी। यह बात उस समय की है, जब गूगल को शुरू हुए ज़्यादा समय नहीं हुआ था।तब गूगल ने यह सोचा कि वह बिना मैनेजर के कंपनी को चलाकर दिखाएँगे। सभी कर्मचारी अपने कार्यों और ज़िम्मेदारियों का स्वयं ध्यान रखेंगे। इसके पीछे गूगल का मानना था कि उनके पास ऐसे कर्मचारी हैं, जिनका प्रबंधन करने के लिए प्रबंधक की ज़रूरत नहीं है। नाहक ही प्रबंधकों को महत्त्व दिया जाता है।
शुरुआती दौर में, कम्पनी में केवल 3000 कर्मचारी थे।इस तथ्य पर शोध करने के लिए 3 इंजीनियरों की टीम बनाई गई।इस टीम का उद्देश्य यह जानना था कि क्या प्रबंधक किसी भी कंपनी के लिए ज़रूरी हैं या नहीं? इस टीम को नाम दिया गया- People Innovation Lab. कुछ ही समय बाद, यह अनुसंधान अपने निष्कर्ष पर पहुँच गया। परिणाम यह था कि प्रबंधक कॉर्पोरेट संरचना के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। प्रबंधकों के बिना कंपनी प्रगति नहीं कर सकती। उनकी बहुत अहम भूमिका होती है।
गूगल के इस प्रयोग ने यह साबित कर दिया कि कंपनियों की सफलता श्रेष्ठ प्रबंधकों पर निर्भर करती है। प्रबंधक कंपनी के लिए कितने आवश्यक हैं, यह प्रमाणित करने के लिए गूगल ने फिर आरंभ किया- प्रोजेक्ट ऑक्सीजन! क्योंकि उनके अनुसार महान प्रबंधक एक संगठन के लिए वह ऑक्सीजन है, जिसके होने से कम्पनी का अस्तित्व होता है। उसकी कुछ खूबियों पर प्रकाश डालते हुए कहा गया- वह एक अच्छा कोच ( प्रशिक्षक) होता है; टीम को संगठित और सशक्त रखता है; उत्पादक और परिणामोन्मुख होता है; कर्मचारियों के भीतर संतुष्टि उत्पन्न करता है; अच्छा संचारक होता है; टीम को लक्ष्य, कार्यनीति, उत्साह आदि देता है; कंपनी और कर्मचारियों के बीच सेतु होता है। ऐसे अनगिनत गुणों के कारण मैनेजर कंपनी की ऑक्सीजन की तरह है।
ठीक यही बात हमारी निजी ज़िंदगी में भी लागू होती है। आज हमारी ज़िंदगी में सबकुछ उल्टा-पुल्टा, उथल-पुथल है। कारण? हमारे पास भी कोई मैनेजर , कोई प्रबंधक नहीं है। कोई ऐसा हमें भी चाहिए, जो हमारे जीवन को लक्ष्य दे, सामर्थ्य दे। जहाँ हम फंसे, रुकें, थकें, हारने लगें- हमें उत्साह दे, हमारा मार्गदर्शन करे। ऐसे मैनेजर कोई और नहीं, बल्कि पूर्ण गुरु हुआ करते हैं। वे ही हमारे जीवन की ऑक्सीजन हैं, क्योंकि उनके बिना हम सफल जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।
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