अर्थशास्त्र के नियमों के आध्यात्मिक अर्थ! | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

अर्थशास्त्र के नियमों के आध्यात्मिक अर्थ!

फ्रेमिंग इफेक्ट (बात रखने के तरीके का प्रभाव)


अर्थशास्त्र का पुराना मॉडल यह कहता था- ' भले ही लोगों को भिन्न-भिन्न तरीके से विकल्प दे दिए जाएँ। पर वे हमेशा वही विकल्प चुनेंगे, जिसमें उनको सबसे ज़्यादा लाभ होगा।' लेकिन इस थियोरी को संशोधित किया, अमोस और डैनियल ने। उन्होंने अपने अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला- 'लोगों के समक्ष कोई बात किस तरह से रखी जा रही है, इसका प्रभाव लोगों के निर्णय पर बहुत अधिक पड़ता है।' इसे ही फ्रेमिंग इफेक्ट कहते हैं। आइए, इसे एक उदाहरण से समझते हैं।


मान लीजिए, आपको एक वस्तु खरीदनी है, जिसका मूल्य 600 रुपये है। उस वस्तु पर दो ऑफर हैं- 


1) ऑफर क' के साथ आपको 200 रुपये का कैशबैक मिलेगा। 


2) ऑफर 'ख' लेने पर 65% चांस है कि कुछ भी पैसा वापिस नहीं मिलेगा।


जब ये दोनों ऑफर प्रतिभागियों के आगे रखी गईं, तो लगभग 75% लोगों ने ऑफर 'क' को चुना।


फिर इसी परिस्थिति को दूसरे शब्दों में रखा गया-

 

1) ऑफर 'क' के साथ आपको 400 रुपये तो बिल्कुल वापिस नहीं आएँगे।


2) ऑफर 'ख' लेने पर आपके पास 35% का भारी मौका है कि आपके सारे पैसे वापिस आ जाएँगे।
जानते हैं, अब आधे से ज़्यादा लोगों ने ऑफर 'ख' को चुना।


हैरानी की बात है न! दोनों ही स्थितियों में ऑफर एक ही जैसी है। पर रखने के तरीके से चयन में अंतर आ गया।


एक और स्टडी हुई, जिसमें यह समझने की कोशिश की गई कि क्यों यूरोप के कुछ देशों में अंगदान के लिए बहुत लोग आते हैं और कुछ देशों में यह संख्या काफी कम है। पहले तो इसका कारण पता नहीं लग पाया। लेकिन जब ध्यान से देखा गया, तो कारण सामने आया।

वह था- ' फ्रेमिंग इफेक्ट' । दरअसल जिन देशों में ज़्यादा अंगदान का औसत था, वहाँ के अंगदान के फार्म में, पहला विकल्प होता था- 'हाँ, मैं अंगदान करूँगा।' वहीं कम अंगदान औसत वाले देशों के फार्म में, पहले विकल्प में लिखा होता था- 'मैं अंगदान नहीं करूँगा।'
अतः फ्रेमिंग इफेक्ट का हमारे निर्णयों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।


इकॉनॉमिक मॉडल में इस सिद्धांत को समझाते हुए लिखा गया- 'बात को रखने के तरीके से हमारे निर्णय प्रभावित होते हैं। अक्सर एक व्यक्ति मुनाफे के मुकाबले नुकसान को ज़्यादा तूल देता है क्योंकि वह उससे हमेशा बचने की कोशिश करता है। कहने का तात्पर्य है कि फ्रेमिंग इफेक्ट के तहत जहाँ हम अपना नुकसान होते हुए देखते हैं, वहाँ ज़्यादा सतर्क हो जाते हैं।' 


फ्रेमिंग इफेक्ट के इस नियम को हमारे संत भली-भाँति जानते थे। कैसे? जानने के लिए पढ़िए मई'19 माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका।

Need to read such articles? Subscribe Today