झुलसती गर्मी में शीतलता का अहसास | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

झुलसती गर्मी में शीतलता का अहसास

आयुर्वेदानुसार ग्रीष्म ऋतू में मनुष्य का स्वाभाविक बल क्षीण होने लगता है। अत्यधिक गर्मी की वजह से शरीर में पानी की लगातार कमी होने लगती है। फलस्वरूप शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर में जल की आपूर्ति करने के लिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा शीतल पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिन्हें 'आयुर्वेद' में 'पानक' भी कहा गया है।

परन्तु कोल्ड ड्रिंक्स या सोडा पानी की जगह हमें प्राकृतिक पदार्थों एवं मसलों से निर्मित शीतल पेय ग्रहण करने चाहियें। वे हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। साथ ही, ताज़गी भी प्रदान करते हैं। आज ऐसे ही कुछ गुणकारी व घरों में आसानी से बनाए जा सकने वाले देसी शीतल पेय पदार्थों के बारे में जानते हैं।

नींबू पानी

गर्मियों का मौसम और नींबू पानी की बात न हो- असा संभव ही नहीं है। यह हमारी प्यास बुझाने के साथ-साथ जी मचलाना, गैस, अजीर्ण इत्यादि भी दूर करता है। भोजन में रूचि को बढ़ाता है। वात को नष्ट करता है। शरीर को ऊर्जावान बनाता है।

बनाने की विधि- 1 गिलास ठंडे पानी में एक नींबू को अच्छी तरह से निचोड़ दें। फिर उसमें स्वादानुसार खांड एवं काला नमक का प्रयोग करें। आपका नींबू पानी तैयार है।

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आम का पन्ना

विटामिन-सी से भरपूर आम के पन्ने को पीने से हमें लू (सन-स्ट्रोक) नहीं लगती है व यह भोजन को पचाकर भूख को बढ़ा देता है।

बनाने की विधि- कच्चे आम को पानी में उबाल कर छिलका अलग कर दें। फिर गूदे को पानी में अच्छी तरह से मसलकर छान लें। उसमें भुना जीरा, काली मिर्च, कला नमक व खांड मिलाकर सेवन करें।

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