
खेल के मैदानों में आज तक बहुत-सी प्रतियोगिताएँ हुईं। खिलाडी कड़ी तपस्या करके, आँखों में सपने संजाए मैदान में उतरे... प्रतियोगिता के अंत में किसी ने कभी जीत का जश्न मनाया, तो कोई हार का गम लेकर लौटा। परन्तु खेल जगत के इतिहास में कुछ ऐसे अध्याय भी दर्ज हुए, जो बेहद अनूठे हैं। इनसे मिलने वाली प्रेरणा भी अनमोल है। ये अध्याय उन खिलाड़ियों ने रचे, जिन्होंने अपने खेल को कुछ अलग अंदाज में खेला। ये जीते, तो भी एक अलग ढंग से; हारे, तो भी एक नई अदा से। दोनों ही तरह से इन्होंने सफलता को एक नई परिभाषा दी। तभी तो ये वे खिलाड़ी कहलाए, जो अपने खेल खेलने को कला से दुनिया को जीवन जीने की कला सिखा गए। ...जानते हैं इन्होंने खेल के मैदान में किन सूत्रों को अपनाया? ...उन सूत्रों को जीवन के मैदान में लागू करके हम भी अपनी सफलता को एक नया आयाम दे सकते हैं...
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