आज की आधुनिक जीवन-शैली में सेहत और त्वचा संबंधी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का पार पाने के लिए हम डॉक्टर के पास जाते हैं। दवाओं पर पैसा पानी की तरह बहाते हैं। कई बार तो हम खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं। 'ओवर द काउंटर' दवाओं को खरीद लाते हैं। (बिना डॉक्टर के लिखे आसानी से मिलने वाली दवाओं को 'औवर द काउंटर' कहा जाता है।) पर कम समय में जल्दी ठीक होने के चक्कर में अपनाई गई यह चिकित्सा प्रणाली बहुत बार अपने साथ कई दुष्परिणाम भी लेकर आती है।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बिना डॉक्टर और औषधि लिए भी आप कई बीमारियों से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। कैसे? अपनी नाभि की सहायता से। आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार नाभि कुदरत की एक अनमोल धरोहर है। इसलिए हमारे आर्ष-ग्रंथों में इसकी गुण-गाथा खूब पढ़ने को मिलती है। कहा जाता है, इस संसार में हर मनुष्य का जन्म नाभि से होता है। शास्त्र-ग्रंथों के अनुसार भगवान ब्रह्मा की उत्पत्ति भी श्री विष्णु की नाभि से हुई थी। शिशु को माँ की गर्भनाल से अलग करने पर शिशु के पेट पर जो निशान बनता है, उसे नाभि कहते हैं।
साधारण भाषा में नाभि धरन, तो अंग्रेजी भाषा में सोलर प्लेक्सस कहा जाता है। सात चक्रों में से नाभि चक्र तीसरा चक्र होता है।...
वहीं विज्ञानवेता नाभि चक्र को सूर्य चक्र और अग्नि चक्र कहकर संबोधित करते हैं। क्योंकि जैसे सूर्य पूरी सृष्टि को प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करता है; वैसे ही शरीर में नाभि चक्र सूर्य के इस कार्य को भली-भाँति संपादित करता है। माने सूर्य सौरमंडल का केंद्र है तो नाभि शरीर का केंद्र बिंदु है। इसलिए वैज्ञानिक परमाणु में जो महत्त्व न्यूक्लियस को देते हैं, वही चिकित्सक नाभि को देते हैं।... मानव शरीर के तकरीबन सारे अंगों की रक्तवाहिनियाँ नाभि से जुड़ी होती हैं। इसलिए शरीर के किसी भी अंग तक पोषण पहुंचाने में नाभि सर्वाधिक सहायक होती है।
आयुर्वेद कहता है कि नाभि पर तेल लगाकर कई रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। विभिन्न तेलों का प्रयोग भिन्न-भिन्न समस्याओं का निवारण करता है। इसका पूर्णतः लाभ उठाने के लिए सोने से पूर्व रोज़ाना रोग निरोधक तेल की तेल की 3-7 बूंदें नाभि पर लगाएं। तेल का नाभि से डेढ़ इंच तक फैलाव करके हल्के हाथ से मालिश करें।...
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विभिन्न तेलों के नाभि पर प्रयोग से शरीर को मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ से परिचित होने के लिए… नाभि को साफ रखने के उपाय, उस पर हुए संक्रमण को रोकने के उपाय और नाभि से साँस लेने के प्रत्यक्ष लाभ को पूर्णतः जानने के लिए पढ़िए दिसंबर'19 माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका।