बच्चों में बचपन के समय में ही सही मानवीय मूल्यों को रोपित किया जाना चाहिए। बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ- साथ उनमे नैतिक मूल्यों के भी रोपण हेतु मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा समय- समय पर अनेक कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इसी शृंखला में मंथन- संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा मई माह में विश्व स्तर पर “संस्करशाला” कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है। मई 2022 में, संस्कारशाला का विषय “प्रफुल्लित संस्करशाला” रहा। इन कार्यशालाओं में विभिन्न राज्यों से 2772 से भी अधिक बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इन विशिष्ट कार्यशालाओं में बच्चों को प्रोत्साहित करने व सरल माध्यम से शिक्षित करने पर बल दिया गया। सभी कार्यशालाओं का संचालन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) के प्रचारकों व कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। इन कार्यशालाओं में भारत व भारत के बाहर की DJJS शाखाओं जैसे उत्तर प्रदेश से आगरा, अलीगढ़, मेरठ, बरेली, गाज़ियाबाद, दिल्ली से पटेल नगर, नेहरू प्लेस, रोहिणी, सेक्टर-15, विकासपुरी, द्वारका, कड़कड़डूमा, राजस्थान से जयपुर, जोधपुर, डूंगरपुर, महाराष्ट्र से अमरावती, पाथर्डी, नागपुर, असम से डिब्रूगढ़, मध्य प्रदेश से ग्वालियर, बिहार से पदमपुर, सहरसा, बोधगया, गुजरात से अहमदाबाद, उड़ीसा से संबलपुर, हरियाणा से गुरुग्राम एवं यूनाइटेड किंगडम से लंदन की DJJS शाखाओं ने भाग लिया। सत्र का प्रारम्भ ॐ के जाप व प्रार्थना के साथ किया गया।
प्रफुल्लित संस्कारशालाओं के अंतर्गत बच्चों को हर परिस्थिति में प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित किया गया तथा यह भी बताया गया की दूसरों की सहायता और बड़ों के आदर करने से ही सही रूप से प्रसन्नता को अर्जित किया जा सकता है। बचपन का विकास हर मनुष्य के व्यक्तित्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। "संस्कारशाला" कार्यशाला बच्चों के व्यक्तित्व के नैतिक, मनासिक, शारीरिक और आध्यात्मिक पहलुओं को विकसित करने का प्रयास करती है। नैतिकता के बीज बोने के लिए समय-समय पर मंथन के छात्रों के साथ प्रेरक सांझा भी सांझा किए जाते हैं।
कार्यक्रम के सभी समन्वयको ने पीपीटी और वीडियो के माध्यम से अपने विचारों को सभी के समक्ष रखा। आगे कार्यशालाओं मे हास्य योग का आयोजन एक मनोरंजक तरीके से खुश रहने, हंसने व हंसाने के महत्त्व को समझाने के लिए किया गया था। सभी बच्चे खुशी के वास्तविक अर्थ को जान व समझ पाए। सत्र का समापन प्रचारकों के द्वारा बच्चों को प्रफुल्लित (उत्साही) होकर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया गया।