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बेंगलुरु (कर्नाटक): बेंगलुरु में बढ़ते विकास और उसके आई टी हब होने के कारण बेंगलुरु को भारत की सिलिकॉन वैली का नाम दे दिया गया हैं | हालाँकि यहाँ लिंग समानता और महिलाओं की स्थिति में सुधार जैसे क्षेत्रों में विकास की बात करें तो वह एक दूर का सपना प्रतीत होता है | टाइम्स ऑफ़ इंडिया दिसम्बर 2017 अंक के अनुसार, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी किये गए डेटा में बेंगलुरु में महिअओं के विरुद्ध सन 2015 में 3109 अपराध दर्ज किये गए थे | और, सन 2016 में, बेंगलुरु महिलाओं के विरुद्ध 3412 अपराधो का साक्षी रहा, जब की पूर्व वर्षों में मात्र ऐसे 9 अपराधो के मामलों की वृद्धि देखी गयी थी | समय की मांग को पूरा करते हुए श्री आशुतोष महाराज जी के मार्ग दर्शन में चल रहे दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के लिंग समानता प्रकल्प संतुलन द्वारा इस शिक्षित शहर के लोगों को लिंग के परिप्रेक्ष्य में शिक्षित करने हेतु एक अभियान चलाया जा रहा है | अभियान का उद्देश्य महिलाओं को यह समझाना है कि शिक्षा समग्र नारी सशक्तिकरण का मात्र एक घटक है न कि एकमात्र घटक |

As Crime Against Women takes leap in Bengaluru, Santulan takes Gender Lessons

समाज का पक्षपातपूर्ण रवैया महिलाओं को न्याय और समानता से वंचित कर देता है और उनकी स्थिति निराशाजनक बना देता है | जिसके कारण या तो लिंग चयनात्मक गर्भपात जैसे अपराध होते हैं या जीवित बची बच्चियों के पास विवश होकर सामाजिक रूडीवादिता और पूर्वाग्रहों से लड़ने का एकमात्र विकल्प बचता है | संतुलन, उपर्युक्त अभियान के अंतर्गत आत्मिक सशक्तिकरण द्वारा सामाजिक चेतना जागृत कर बेंगुलुरु में नारी सशक्तिकरण व् नारी संवेदीकरण कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है | महिलाओं को उनके आत्म मूल्यों व् अधिकारों से अवगत कराने हेतु और उन्हें आध्यात्मिक रूप से सशक्त करने हेतु ये कार्यशालाएं विभिन्न विषयों पर आयोजित की जाती हैं जैसे क्षमता निर्माण, चरित्र निर्माण, महिला विकास इत्यादि |

कार्यशालाओं की गतिविधियों में भक्ति गीत और भजन शामिल होते हैं, जो नारी की महिमा को दर्शाते हैं | इसके अतिरिक्त रोचक खेल, लिंग आधारित भेदभाव के प्रति प्रतिभागियों की मानसिकता को जानकर उनका परामर्श करने हेतु पहेलियाँ, नारी के सम्मान और कन्याओं के संरक्षण के नारों और सन्देश को दर्शाती संवेदीकरण प्रदर्शनी और “शिक्षा- एकमात्र सम्पूर्ण नारी सशक्तिकरण सशक्तिकरण घटक नहीं”, पर आधारित ज्ञानवर्धक सत्र होते हैं | समाज में नारी की बिगडती दशा, लैंगिक रूडीवादीता, मीडिया में नारी का वस्तुकरण आदि के पीछे की उत्पत्ति को भी समूह चर्चाओं के माध्यम से उजागर किया जाता है, जिसमें प्रतिभागी अपने अपने समानता के अभाव और दमन के अनुभवों को सांझा करते हैं | नारी के सामाजिक क्षेत्रों में महत्वपुर्ण योगदान के बाद भी लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा पर आधारित पारंपरिक नृत्य व् विचार उत्तेजक नाटिका, कार्यशालाओं का मुख्य आकर्षण होती हैं |

As Crime Against Women takes leap in Bengaluru, Santulan takes Gender Lessons

संतुलन, गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के “21वी सदीह की वैदिक नारी के निर्माण” के लक्ष्य को पूरा करने हेतु सम्पूर्ण भारत में उत्साह्शील महिलाओं के साथ कार्य कर रहा हैं |

डीजेजेएस के बेंगलुरु केंद्र द्वारा शहर में महिलाओं के उत्थान और उनके विकास हेतु की गयी  विविध पहलों की कुछ झलकियाँ …

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