“किसी भी राष्ट्र की सम्पति उसके खजाने में नही बल्कि विद्यालयों में होती है” बचपन जीवन की आधारशिला है जिसके अंकुर से ही जीवन का वृक्ष खड़ा है। दुनिया भर के देशों ने बचपन की इस महत्त्वता को पहचाना और वर्ष के एक दिन को पूर्णतः बच्चों के लिए “बाल दिवस” के रूप में समर्पित किया। भारत में यह दिन प्रत्येक वर्ष जवाहरलाल नेहरु जी के जन्मदिवस, 14 नवम्बर को मनाया जाता है। मंथन ने भी अपने सभी केन्द्रों में विभिन्न स्तर पर पूरी धूमधाम के साथ बाल दिवस का आयोजन किया। मंथन-एसवीके दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की एक पहल है जो समाज के वंचित बच्चों को निशुल्क एवं मूल्याधारित शिक्षा प्रदान कर उनके लाभ के लिए अथक रूप से काम कर रही है।
मंथन की गुरुग्राम केंद्र ने बाल दिवस Sapient company के साथ मनाया। दिन की शुरुआत संगीत, नृत्य और कला प्रतियोगिता से हुई। बच्चों के लिए टीम द्वारा मैजिक शो और कठपुतली शो का भी आयोजन किया गया। कला प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को ईनाम स्वरुप study tables दी गईं। इसके अलावा सभी छात्रों को बाल दिवस के उपहार के रूप में बैग, ड्राइंग कॉपी और मॉडलिंग मिट्टी दी गई। अंत में सभी को जलपान कराया गया।
हरयाणा मंथन के अम्बाला केंद्र के विद्यार्थियों को एक अन्य संस्थान “एक कोशिश” द्वारा आयजित ‘Talent हंट’ कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया जिसमें मंथन के छात्रों ने ‘गुरु अष्टकम’ का गायन कर और ‘मंथन’ गाने पर नृत्यकला पेश कर अपने अंदर निहित प्रतिभाओं से सभी को अवगत कराया। सभी बच्चों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान अम्बाला कैंट के कैंटोनमेंट बोर्ड के अधिकारी श्री अनुज गोयल, इनकम टैक्स ऑफिसर प्रेरणा चौधरी और डॉ. प्रतिभा सिंह उपस्थित रहीं। अंत में जल पान की व्यवस्था भी की गयी।
इस दौरान मंथन की पंजाब स्थित केंद्र गोपाल नगर ने दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित ‘बाल संगम’ कार्यक्रम में भाग लिया। दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रों ने मंथन से आए छात्रों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। सभी बच्चों ने आपस में बातचीत की और एकदूसरे के जीवन के अनुभवों को धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने विभिन्न गतिविधियाँ जैसे toss a ring, freeze dance, musical chairs, pick the bangles आदि भी आयोजित कीं जिनमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इनाम भी जीते। DPS के बच्चों ने मंथन से आये छात्रों को धन्यवाद करने के लिए Thank You cards भी दिए। अंत में सभी ने जलपान किया।
इसके अलावा मंथन के अन्य केन्द्रों ने अपने-अपने केंद्रों में बाल दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर मंथन के शिक्षकों ने बच्चों को उनके अधिकार और राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों से उन्हें अवगत कराया। बच्चों के मनोरंजन के लिए कई रोचक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। कार्यक्रम के अंत में सभी केन्द्रों में छात्रों के लिए जलपान की व्यवस्था भी की गयी।