जीवन में आनंद और शाश्वत सुख की प्राप्ति मात्र इसके स्रोत्र दिव्य शक्ति से जुड़कर ही मिल सकती है। 11 अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 2018 तक हरियाणा के गुरुग्राम क्षेत्र में देवी भागवत कथा के माध्यम से शाश्वत आनंद अमृत की रसधार प्रवाहित हुई। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी ऐसे अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी बहुमूल्य कृपा जनमानस को प्रदान कर रहे हैं। सामाजिक-आध्यात्मिक और अलाभकारी संगठन, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान विश्व शांति व समाज कल्याण हेतु कटिबद्ध हो निरंतर प्रयासरत है।
माँ और बालक का दृढ़ सम्बन्ध सूत्र ही वास्तविक सुख को प्रदान करने का मार्ग है। भक्तों द्वारा हृदय से पूजन करने पर दिव्य माँ, जगदम्बा प्रसन्न हो उन पर दिव्य प्रेम को बरसाती हैं। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या, कथाव्यास साध्वी अदिति भारती जी ने कथा वाचन करते हुए आध्यात्मिक पहलुओं को श्रद्धालुओं के समक्ष रखा। उन्होंने भक्तों को समझाया कि ब्रह्मज्ञान की सनातन व वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से सर्वोच्च सत्ता का अनुभव किया जा सकता है। यह वैदिक व सनातन पद्धति हमें आत्मिक स्तर पर जागरूक कर भीतर निहित दिव्यता का अनुभव करवाने में सक्षम बनाती है। इस पद्धति का अभ्यास मानव को उत्साहपूर्वक उत्कृष्ट जीवन जीने हेतु निष्क्रिय व नकरात्मकता को समाप्त करता है।
साध्वी जी ने समझाया कि हालांकि देवी माँ सभी को समान रूप से प्रेम करती है, लेकिन वह उन लोगों की सहायता करती है जो सदैव प्रयासरत रहते हैं। माँ जगदम्बा से वास्तविक प्रेम द्वारा ही मानव उनकी कृपा, आशीर्वाद और दिव्य अनुभवों को प्राप्त कर सकता है। जब हम अपनी धारणाओं का त्याग कर माँ की शरण आते है, तब माँ हमारे भीतर दिव्य अनुभवों को प्रगट करती हैं। उन्होंने लोगों को अज्ञान की नींद से जागृत हो, दिव्य अनुभवों की प्राप्ति की आवश्यकता पर बल दिया।
कथा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को माँ की महिमा से परिचित करवा ईश्वर साक्षात्कार हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने आध्यात्मिक प्रगति, दैवीय कृपा और उत्साह का अनुभव किया।