Read in English

भगवान शिव परोपकार, आंतरिक शांति, ज्ञान और शक्ति के प्रतीक हैं। भगवान शिव को अक्सर त्र्यंबक देव के रूप में जाना जाता है जिसका अर्थ है 'तीन आंखों वाले ईश्वर'। हमारे प्राचीन धर्मग्रंथ इस तथ्य को स्पष्ट करते हैं कि भगवान शिव की शक्ति ही इस ब्रह्मांड की निर्माता, संरक्षक, और विध्वंसक की भूमिका को पूर्ण करती हैं। शिव हर जीव के अस्तित्व का कारण हैं। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में  5 अगस्त 2019 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में "भगवान शिव" विषय पर एक भक्ति संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आध्यात्मिक प्रवक्ता साध्वी लोकेशा भारती जी ने भगवान शिव के अनेक पहलुओं में निहित आध्यात्मिक, सामाजिक व वैज्ञानिक पक्ष पर प्रकाश डाला।

Devotional Concert on Lord Shiva Sanctified the Innate Divinity of Devotees at Meerut, U.P

भक्ति संगीत कार्यक्रम का आरम्भ वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा हुआ। भावपूर्ण मधुर भजनों की प्रस्तुति के साथ ही आध्यात्मिक प्रवचनों की निर्झरी ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

साध्वी जी ने कहा कि भारतीय कैलेंडर के अनुसार 'सावन' के महीने को शुभ माना जाता है क्योंकि इस कार्यकाल के दौरान प्रत्येक सात सोमवार को 'सावन सोमवर' के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर सभी मंदिरों में शिवलिंग के ऊपर बेल पत्तों, फूल, दूध, पवित्र जल अर्पित किया जाता है। भगवान शिव सर्वोच्च ब्रह्मांडीय ऊर्जा अर्थात परमात्मा और माता पार्वती, आत्मा की प्रतीक है। भगवान शिव की वास्तविक उपासना तब आरम्भ होती है, जिस समय मानव ब्रह्मज्ञान द्वारा अपने भीतर भगवन शिव का दर्शन व अनुभव करता है। ध्यान मुद्रा में बैठे शिव के मस्तक पर दिव्य व तृतीय नेत्र का जागृत होना शांति और उच्च चेतना का संकेत है। ब्रह्मज्ञान की ध्यान-साधना द्वारा मनुष्य भी शाश्वत आनंद की प्राप्ति कर सकता है।

Devotional Concert on Lord Shiva Sanctified the Innate Divinity of Devotees at Meerut, U.P

साध्वी जी ने बताया कि भगवान शिव को मात्र घट के भीतर जाकर ही समझा जा सकता है।  भगवान शिव की वास्तविक पूजा हेतु एक पूर्ण ब्रह्मनिष्ठ सतगुरु की खोज करनी चाहिए व उनके द्वारा ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करना चाहिए। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान समय के ऐसे दिव्य व पूर्ण योगी हैं जो आत्म-साक्षात्कार के ज्ञान को प्रदान करते हुए अलौकिक ईश्वर का दर्शन कराने में सक्षम हैं।

कार्यक्रम ने भक्तों को सकारात्मकता से परिपूर्ण करते हुए जीवन में भगवान् शिव प्राप्ति हेतु पूर्ण सतगुरु की खोज हेतु प्रेरित किया। साथ ही आयोजन ने ब्रह्मज्ञान से दीक्षित साधकों के भीतर नवचेतना का संचार किया व उन्हें दृढ़ता से भक्ति पथ पर बढ़ने हेतु प्रेरित किया।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox