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आज की भागमभाग भरी जिन्दगी में इंसान मशीनों की तरह काम कर रहे हैं। प्रत्येक दिवस समान कार्य, नियम और दिनचर्या आदि जीवन को नीरस और सुस्त बना रहे हैं। आज के तथाकथित आधुनिक समाज में हर दिन, हर श्वास मात्र गला काट प्रतियोगिता के प्रबंधन में खर्च हो जाता है। सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों और सम्बन्धियों से व्यवहार स्थापित करने की कोशिश की सतत दौड़ में हम स्वयं को ही खोते जा रहे है। आज हमारे पास अपने वास्तविक स्वरूप के विषय में सोचने और आत्मनिरीक्षण करने का समय नहीं है।

इन सभी अव्यवस्थाओं के बीच यदि कोई हमारा हाथ थाम हमें निःस्वार्थता और धर्म मार्ग पर बढ़ा दे तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। 17 सितंबर, 2018 को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा हिमाचल प्रदेश के नहान क्षेत्र में एक भक्ति संगीत कार्यक्रम– भावांजलि का आयोजन किया गया। उपस्थित जिज्ञासुओं ने स्वर व तालबद्ध सरस भक्ति रचनाओं द्वारा निर्मित दिव्य वातावरण का आनंद लिया।  

इस भजन संध्या के माध्यम से ईश्वरीय शाश्वत संबंध स्थापित करने के महत्व पर बल दिया गया। भक्ति रचनाएँ प्रेरणादायक व मंत्रमुग्ध करने वाली रही। साध्वी त्रिपदा भारती जी ने भजनों की व्याख्या करते हुए अपने दिव्य विचारों को रखा। कार्यक्रम ने जीवन में एक पूर्ण दिव्य गुरु की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला।

मानव अपने आस-पास की दुनिया में होने वाली गतिविधियों से शिक्षा व अनुभव प्राप्त करता है। घटनाएं, परिस्थितियां और चुनौतियां हमारी कमजोरियों को दूर कर हमारी ताकत को बढ़ाने में सहायता करती हैं। पूर्ण गुरु के मार्गदर्शन में परिस्थितियों का साहस से सामना करने व उनसे सीखने की प्रक्रिया तीव्र हो जाती है। सहसा ही पूर्ण सतगुरु की दिव्य कृपा शिष्य के जीवन को सुंदर बना देती है।

भक्ति रचनाएँ आत्मिक आनंद, ईश्वरीय रूपी आंतरिक सुंदरता की झलक व सत्य प्राप्ति की भावना को जागृत करती हैं। यह मनुष्य को वास्तविक स्वरूप साक्षात्कार हेतु प्रोत्साहित करती  हैं। भक्ति मानव को आत्म केन्द्रित करने के लिए प्रमुख भूमिका निभाती है। भीतरिय संगीत, ईश्वर के लिए शुद्ध और निस्वार्थ प्रेम ही भक्ति के अर्थ को पूर्ण करते है। भक्ति संगीत एक भक्त द्वारा उसके आनंद की अभिव्यक्ति है जो भगवान की महिमा में गाया जाता है।

इस कार्यक्रम ने संस्थान के द्वारा चलायी जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दि गयी। यह सभा जिज्ञासुओं के लिए आध्यात्मिक प्रसन्नता के साथ उनके भ्रमित विचारों को जीतने हेतु सकारात्मक दिशा प्रदान करने वाली रही।

Devotional Concert Resurrected Links with Self at Nahan, Himachal Pradesh

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