माँ दुर्गा का जन मानस के लिए संदेश एवं वैदिक ग्रंथों में निहित मोक्ष संबंधी ज्ञान रत्नों को भक्तों तक पहुँचाने हेतु, श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की अपार कृपा और आशीर्वाद से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की पठानकोट शाखा द्वारा 23-29 मई 2022 तक काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश में ‘श्रीमद् देवी भागवत कथा’ का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या, कथा व्यास साध्वी त्रिप्रदा भारती जी ने सात दिवसीय कथा में देवी भागवत पुराण से आध्यात्मिक रहस्यों को उपस्थित असंख्य श्रद्धालुओं के सम्मुख उजागर किया। शिष्य संगीतकारों द्वारा प्रस्तुत आध्यात्मिक भावों से परिपूर्ण भजनों ने श्रोताओं को भक्ति के दिव्य रंगों से रंग दिया।
साध्वी जी ने ज्ञानात्मक शैली में समझाया कि देवी या शक्ति को पुराणों में ब्रह्मांड की रचयिता के रूप में दर्शाया गया है। उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत कहा गया है, जिसके अभाव में भक्ति एवं पूजा अपूर्ण रह जाते हैं। अपार ब्रह्मांडीय ऊर्जा की शक्ति केंद्र- देवी माँ अपने दिव्य आशीषों की वर्षा आध्यात्मिक ज्ञान के सच्चे जिज्ञासुओं पर करती हैं।
साध्वी जी ने समझाया कि देवी माँ द्वारा धारण किए हुए दिव्य शस्त्र ब्रह्मज्ञान एवं ध्यान के द्योतक हैं। देवी माँ को तत्व रूप से जानने और समझने के लिए ज्ञान के सूर्य, समय के पूर्ण सतगुरु से ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना अनिवार्य है। ‘ब्रह्मज्ञान’ पर आधारित आत्मनिरीक्षण का नियमित अभ्यास ही देवी माँ की वास्तविक पूजा कहलाता है। जहाँ इंद्रियों से परे, साधक के ज्ञान और भक्ति में वृद्धि की दिव्य प्रक्रिया घटती है।
डीजेजेएस प्रतिनिधि ने कथा को सारांशित करते हुए कहा कि वेदों – शास्त्रों में वर्णित यह आत्म-ज्ञान अद्वितीय और अलौकिक है, जिसे प्राप्त कर व्यक्ति निर्भीकता और दूरदर्शिता को प्राप्त करता है। आत्म-साक्षात्कार की शक्ति का विवरण शब्दों से परे है क्योंकि यह चैतन्यता के स्तर को उत्कृष्ट कर, पर-ब्रह्म के साथ हमारे संबंध को घनिष्ठ करती है।
श्रद्धालुओं के हृदयों में आध्यात्मिक ओज एवं भक्ति भावों को जागृत कर शक्ति एवं शांति की लहर प्रसारित करने के लिए आयोजित श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम की अत्यधिक सराहना की गई।