गोपाष्टमी 2021 के शुभ अवसर पर, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा अपने भारतीय गौ नस्ल सुधार एवं संरक्षण प्रकल्प - 'कामधेनु' के अंतर्गत दिल्ली स्तिथ दिव्य धाम आश्रम में एक भव्य गौ पूजन और वैदिक यज्ञ का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय गायों की महिमा को पुनरावृत्त करना एवं गौ माता द्वारा मानव जाति को प्रदान किए गए असंख्य अनुदानों से कृतार्थ हो उन्हें धन्यवाद अर्पित करने का था। इस कार्यक्रम में समाज के कई प्रतिष्ठित गणमान्य जन एवं गौ प्रेमी सम्मिलित हुए।
भारतीय गाय को पशु नहीं माना जाता है, बल्कि वेदों ने उसे माता का संबोधन दिया है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी कहते हैं - "गौ माता की सेवा सर्वांगीण विकास का आधार है, कृषितंत्र का मेरुदंड है, आर्थिक विकास का कारक है और स्वस्थ जीवन का मूल है।" यही कारण है कि सार्वभौमिक रूप से भारतीय गौ को एक माँ के रूप सम्मानित किया जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, डीजेजेएस कामधेनु प्रकल्प भारतीय गौ के संरक्षण, नस्ल सुधार एवं आदर्श समाज की धुरी के रूप में उसके महत्व को पुनर्स्थापित करने हेतु कार्यरत है।
गौ माता की पूजा का विधान वैदिक काल से प्रचलित रहा है। भगवान श्री कृष्ण ने भी एक चरवाहे के रूप में, समाज के समक्ष गौ माता के महत्त्व को रखा और समाज को उनका सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। गोपाष्टमी के पुनीत त्यौहार को श्री कृष्ण द्वारा स्थापित गायों की देखभाल और सेवा के आदर्श को क्रियान्वित करने एवं व्यष्टि स्तर पर सम्पूर्ण प्रकृति से साथ पुनः संबंध स्थापित करने के अवसर के रूप में मनाया जाता है। डीजेजेएस के प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी कि इस अवसर पर वैदिक यज्ञ के आयोजन से उपरोक्त दोनों उद्देश्यों की पूर्ति की गई।
पूजन के अंतर्गत पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों का निर्वाह किया गया। यज्ञ के दौरान उच्चारित किए गए वैदिक मंत्रों ने दिव्य तरंगों से आश्रम गुंजायमान हो उठा और इस प्रकार परिसर में पवित्र वातावरण निर्मित हुआ। यज्ञ के दौरान किए गए अनुष्ठानों में निहित आध्यात्मिक संदेशों को भी उजागर किया गया। जिसने उपस्थित जनों को नेक मार्ग और गाय माता की सेवा करने हेतु प्रेरित किया।
डीजेजेएस प्रत्येक वर्ष जठखोड मोड़, दिल्ली; नूरमहल, पंजाब; सहरसा, बिहार और लातूर, महाराष्ट्र स्थित अपनी कामधेनु गौशालों में गोपाष्टमी के पवन उत्सव को आयोजित करता है। कामधेनु गौशालाएं सामान्य गौ-देखभाल केंद्र भर नहीं हैं, अपितु देशी गायों की प्रमुख नस्लों जैसे साहीवाल, गिर, थारपारकर, राठी और हरियाणा के नस्ल संरक्षण व संवर्धन पर काम कर रहे अनुसंधान केंद्र हैं।